प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार ने दामोदरपुर में चमकी पर फैलाई जागरूकता
1 min readप्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार ने दामोदरपुर में चमकी पर फैलाई जागरूकता
-‘अडॉप्ट अ विलेज’ कार्यक्रम के तहत अधिकारी एवं कर्मी अपने गोद लिए हुए पंचायतों में पहुंचे
– एईएस/चमकी बुखार को लेकर चलाया सघन जागरूकता अभियान
बच्चों को धूप में न खेलने देने एवं बच्चों की देख-रेख करने की अभिभावकों से अपील
मुजफ्फरपुर। 3 अप्रैल
“अडॉप्ट अ विलेज’ कार्यक्रम के तहत एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण करने के मद्देनजर गोद लिए हुए पंचायतों में पदाधिकारियों ने शनिवार को अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए चमकी को लेकर सघन जागरूकता कार्यक्रम को नई दिशा दी।
अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा संबंधित पंचायतों में बैठकें भी की गई। साथ ही महादलित टोलों में भ्रमण करते हुए बच्चों एवं अभिभावकों को चमकी को लेकर जागरूक किया गया।
अधिकारियों के द्वारा पंपलेट भी बांटे गए और पढ़कर भी सुनाए गए। संबंधित पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों समुदायिक भवन, स्वास्थ्य केंद्रों इत्यादि का भी निरीक्षण किया गया तथा आंगनवाड़ी सेविका /सहायिका एवं आशा को प्रेरित किया गया कि वे वह नियमित रूप से डोर टू डोर भ्रमण करते हुए आम लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना जारी रखें।
प्रमंडलीय आयुक्त ने फैलाई जागरूकता
‘अडॉप्ट अ विलेज’ कार्यक्रम के क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार शनिवार को पानापुर हवेली पंचायत के दामोदरी गांव पहुंचे।
उन्होंने उपस्थित अभिभावकों एवं बच्चों को एईएस /चमकी बुखार को लेकर जागरूक किया।अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों का ख्याल रखें। उसे धूप में न खेलने दें। साथ ही उसे खाली पेट भी न रहने दे।उन्होंने कहा कि विशेषकर माताएं अपने बच्चों की देखभाल के प्रति गंभीर रहें।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों को सुबह में जरूर देख ले कि उनकी क्या स्थिति है। उन्होंने कहा कि यदि बुखार की स्थिति बनती है तो शीघ्र ही उन्हें नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना सुनिश्चित करें।उन्होंने कहा कि चमकी के लक्षण दिखाई देते ही बिना समय गवाएं बच्चें को अस्पताल पहुंचावे। निकट के अस्पतालों में चमकी को लेकर प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
मौके पर कांटी बीडीओ, सीओ स्थानीय जन प्रतिनिधि तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
एईएस के लक्षण
– बच्चों को बहुत ही तेज बुखार होता है।
-बुखार के साथ चमकी आना शुरू होता है।
– मुंह से भी झाग आता है।
– भ्रम की स्थिति होना।
– पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना।
– हाथ पैर का अकड़ होना।
– बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन का ठीक नहीं रहना।
– बेहोश होने जैसी स्थिति भी हो जाती है।
एईएस से बचने हेतु सावधानियां
– बच्चों को धूप से बचायें।
– ओ आर एस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।