April 3, 2021

NR INDIA NEWS

News for all

एईएस से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी – पूर्वी चम्पारण में चमकी से मुख्य प्रभावित क्षेत्र मेहसी में हो रहा है चौपाल का आयोजन

1 min read

एईएस से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी

– पूर्वी चम्पारण में चमकी से मुख्य प्रभावित क्षेत्र मेहसी में हो रहा है चौपाल का आयोजन

मोतिहारी, 2 अप्रैल

चमकी पर राज्य सरकार व जिला स्वास्थ्य समिति की तैयारी पूरी हो चुकी है। चमकी को हराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों का सबसे बड़ा हथियार है जागरूकता। इसीलिए मेहसी के ब्लॉक मैनेजर दिनेश चंद्र यादव और चिकित्सा पदाधिकारी शिव भूषण कुमार द्वारा लगातार बैठक, चौपाल का आयोजन कर लोगों को एईएस के बारे में जानकारी दी जा रही है। शुक्रवार को चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए परतापुर पंचयात के मझौलीया गांव व हरपुरनाग में चौपाल लगाकर लोगों को जानकारी दी गई।
टीकाकरण प्रगति की समीक्षा की जाएगी
डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने कहा एईएस की रोकथाम के लिए दलित, महादलित टोला में चौपाल लगातार कराने का निर्देश दिया गया है। सभी आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, अपने क्षेत्र में सभी लोगों के बीच एईएस व जेई के बारे में लोगों को लगातार जानकारियां देते रहे हैं। बच्चों को रात में खाली पेट ना सुलाएं और किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सीधे सरकारी अस्पतालों में लेकर जाएं। किसी प्रकार की ऐसी परेशानी होने पर देर ना करें। चमकी के लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत इलाज कराएं।

जागरूकता के लिए चौपाल का आयोजन
केयर के ब्लॉक मैनेजर दिनेश चंद्र यादव ने बताया ज्यादा गर्मी पड़ने पर औऱ ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। बच्चे बेवजह धूप में घर से न निकलें , गन्दगी से बचे, कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें। ताकि चमकी के साथ साथ अन्य मौसमी बीमारियों पर भी रोक लग सके। जिले में कुछ वर्षों से चमकी बुखार नामक महामारी से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण जैसे जिले प्रभावित रहे हैं। जिसमें चमकी बुखार के कारण कई बच्चों को अपनी जान गवानी पड़ी है। इस बार ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया गया है। इसके लिए मेहसी, चकिया, मधुबन, तेतरिया सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारियां की गई हैं। एईएस से बचाव के लिए महादलित टोलों के साथ जगह जगह स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चौपाल का आयोजन किया जा रहा है।

एईएस से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर सिंह व डीटीएल केयर अभय कुमार ने बताया आशा, जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। माइकिंग की जा रही है। कीटनाशकों का निरंतर छिड़काव किया जा रहा है। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। बच्चों को संतुलित भोजन देना चाहिए। स्वस्थ बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।

अप्रैल से जुलाई तक मस्तिष्क ज्वर की संभावना
सिविल सर्जन डॉ अखिलेश्वर सिंह ने बताया अप्रैल से जुलाई तक जिले में छह माह से 15 वर्ष तक के बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी रहती है। ऐसी स्थिति में माता-पिता बच्चों की समस्या को पहचान नहीं पाते। जिसके कारण इसके इलाज में ही काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है। केयर डिटीएल अभय कुमार ने बताया कि गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि लोग चमकी बुखार मस्तिष्क ज्वर को सही समय पर जान सकें और समय पर इलाज कराकर सुरक्षित रह सकें।
इस अवसर पर बीएचएम मिन्टू कुमार, हेल्थ एडुकेटर नवलेश कुमार, बीसीएम नाज़िबुर रहमान, बीएमईओ विपुल कुमार, रेणू मिश्रा, विकास मित्र शम्भू राम, वार्ड पार्षद-श्याम किशोर, नीलम देवी, आशा रेखा देवी, जीविका के सुबोध कुमार, वीणा देवी, केयर के मनीष कुमार मौजूद रहे।

सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध
सिविल सर्जन ने बताया बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति होने पर सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधाएं उपलब्ध है। अगर एंबुलेंस में कोई देरी भी होती है तो माता-पिता प्राइवेट भाड़ा कर गाड़ी लेकर जिला अस्पताल आ सकते हैं। उनके आने जाने का सारा किराया सरकारी स्तर पर मुफ्त दिया जाएगा।

एईएस के लक्षण
– बच्चों को बहुत ही तेज बुखार होता है।
-बुखार के साथ चमकी आना शुरू होता है।
– मुंह से भी झाग आता है।
– भ्रम की स्थिति होना।
– पूरे शरीर या किसी खास अंग में लकवा मार देना।
– हाथ पैर का अकड़ होना।
– बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक संतुलन का ठीक नहीं रहना।
– बेहोश होने जैसी स्थिति भी हो जाती है।

एईएस से बचने हेतु सावधानियां

– बच्चों को धूप से बचायें।
– ओ आर एस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
– पैरासिटामोल की गोली या सीरप दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.