अंबेडकर विकास मंच बिहार द्वारा सावित्री बाई फुले जयंती मनाई गई।/रिपोर्ट नसीम रब्बानी
अंबेडकर विकास मंच बिहार द्वारा सावित्री बाई फुले जयंती मनाई गई।
वैशाली ,चेहराकलां – शिक्षा व्यक्तित्व का विकास ही नहीं करता बल्कि रूढ़िवादी मान्यताओं के गहरे भंवर से निकाल कर विकास का रास्ता प्रशस्त करता है। ये बाते यहां चेहराकला के तालसेहान दलित टोला में अंबेडकर विकास मंच बिहार के तत्वावधान में आयोजित देश की प्रथम शिक्षिका सावित्री बाई फुले जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मंच के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर कुमुद ने कही।
उन्होंने कहा कि समाज में फैले कुरीतिया सतिप्रथा, बाल विवाह, छुआ छूत,आदि के खिलाफ सावित्री बाई फुले एक सशक्त आवाज थी । आज महिलाए हर क्षेत्र में आगे आई है जिसमे सावित्री बाई फुले जी का त्याग और संघर्ष की अहम भूमिका है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उर्मिला देवी एवं संचालन मंच के प्रदेश मीडिया प्रभारी पंकज किशोर बिहारी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मौके पर उपस्थित महिलाओं ने सावित्रीबाई फुले के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर की।
मौके पर शिक्षक दिनेश राम, राकेश रत्नाकर, शिक्षक रमेश पासवान, भुवनेश्वर राम, बबीता देवी, अंजली कुमारी, सुभाषिनी जैन, वार्ड सदस्य विनोद पासवान, नेहा कुमारी, मुन्नी देवी, हरिओम कुमार, विकास कुमार, बबीता कुमारी, संगम कुमारी सीमा कुमारी सुनीता देवी, ललिया देवी, मीरा देवी संगीता देवी आदि मौजूद थे। सभी ने सावित्री बाई फुले की जीवनी विद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने एवम जन्म दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की। सभी ने सावित्री बाई फुले के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। धन्यवाद ज्ञापन उमेश रजक ने किया।