मायागंज अस्पताल में ठंड से ठिठुर रहे मरीज, इलाज कराना है तो चादर और कंबल लेकर जाएं
अमित कुमार झा, रजौन/ बांका
भागलपुर शहर के दो बड़े सरकारी अस्पतालों (मायागंज अस्पताल और सदर अस्पताल) में इलाज कराना है तो कंबल और चादर घर से लेकर जाएं। नहीं तो रोग तो बाद में ठंड से पहले आपकी हालत खराब हो जाएगी।
मायागंज अस्पताल में कंबल का पर्याप्त स्टाक होने के बाद भी इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को कंबल नहीं दिया जा रहा है। वहां मर्ती मरीज ठंड से ठिठुरकर इलाज कराने को मजबूर हैं। ऐसा मरीजों के स्वजनों में जानकारी की कमी और अस्पताल के कर्मियों की लापरवाह कार्यशैली की वजह से हो रहा है। जबकि अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों को साफ चादर और कंबल उपलब्ध कराने का आदेश है।
सदर अस्पताल की स्थिति मायागंज अस्पताल से बेहतर है। आब्स गायनी में भर्ती कई प्रसूताओं को यहां भी कंबल नहीं दिया गया था। पूछने पर नर्स ने कहा, कंबल उपलब्ध कराना मेरा नहीं, ममता की जिम्मेदारी है। हालांकि, सदर में प्रभारी नर्स के कमरे के बगल के कमरों में भर्ती गर्भवतियों को कंबल उपलब्ध कराया गया था। अन्य जगह यहां भी लापरवाही का आलम था।
*इन्हें नहीं मिला था कंबल*
सदर अस्पताल में जीछो की रुचि कुमारी 24 दिसंबर, रोमा कुमारी को 24 दिसंबर की रात और लालूचक की सुलेखा देवी को शनिवार को भर्ती किया गया है। इनमें से किसी को भी कंबल नहीं दिया गया था। इसके अलावा अन्य कई मरीज भी बिना कंबल के लेटे हुए थे।
*मांगने पर दिया जाता है कंबल*
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती 90 फीसद मरीजों को कंबल नहीं दिया गया था। जबकि प्रभारी नर्स के पास कंबल का स्टाक है। साथ ही मेडिसीन, सर्जरी विभाग के नर्सों के पास भी 20 से 30 कंबल रखे हुए हैं। नर्सों का कहना है कि मरीज या उनके स्वजनों के मांगने पर ही कंबल दिया जाता है।
दूसरी ओर स्वजनों का कहना है उन्हें इस बात की जानकारी ही नहीं है कि अस्पताल में कंबल दिया जाता है या नहीं। पर क्या नर्स की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। मरीज ठंड से ठिठुरते रहते हैं पर कोई एक बार भी पूछने तक नहीं आती हैं। सरधो के दिनेश, रंगरा के कृष्ण झा, बांका के महेंद्र सहित कई मरीजों ने कंबल नहीं दिए जाने की बात कही।
*क्या कहते है सदर अस्पताल प्रभारी डॉ० राजू*
मरीजों को कंबल देने की जिम्मेदारी प्रभारी नर्स की है। हर पाली की नर्स को देखना है कि मरीजों को कंबल मिला या नहीं।
*क्या कहते है डा. असीम कुमार दास, अस्पताल अधीक्षक मायागंज*
इमरजेंसी से लेकर अन्य विभागों में कंबलों की कमी नहीं है। मरीजों को कंबल नहीं देना नर्सों की लापरवाही है।