बेतिया :समझ के साथ महिलाएं करा रही हैं परिवार नियोजन / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readसमझ के साथ महिलाएं करा रही हैं परिवार नियोजन / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनाटांड़ में 31 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण
– जनसंख्या नियंत्रण के लिए आवश्यक है बंध्याकरण
– बंध्याकरण कराने वाले को सरकार देती है आर्थिक सहायता
बेतिया, 22 दिसम्बर । ‘जनसंख्या पर नियंत्रण करने के लिए परिवार नियोजन कराया जाना बेहद आवश्यक है। क्योंकि बड़े परिवार की अपेक्षा छोटा परिवार सुखी परिवार माना जाता है। परिवार छोटे रहने पर हर सम्भव जरूरतें यथा, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा की जरूरतें आसानी से पूरी की जा सकती हैं। वहीं बड़े परिवार में आवश्यकता की पूर्ति में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।” यह कहना है पश्चिमी चम्पारण के सिविल सर्जन डॉ वीरेन्द्र चौधरी का। उन्होंने बताया कि जिले की महिलाएं व पुरुषों में बढ़ती जनसंख्या के कारण उत्पन्न समस्याओं से बचने के प्रति जागरूकता देखी जा रही है। इसी से प्रेरित होकर महिलाएं अब जागरूक होकर परिवार नियोजन करा रही हैं।
– 31 महिलाओं का किया गया सफल बंध्याकरण ऑपरेशन
डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव ने बताया कि
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनाटांड़ में
31 महिलाओं का सफलता पूर्वक बंध्याकरण किया गया। हेल्थ मैनेजर विनोद कुमार सिंह एवं बीसीएम अनिल कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की आवश्यक जांच के उपरांत बंध्याकरण आपरेशन किया गया। ऑपरेशन उपरांत उन्हें नि:शुल्क दवाई और प्रोत्साहन राशि भी मुहैया कराई जा रही है।
– स्थायी समाधान के लिए आवश्यक है परिवार नियोजन;
सीएस ने कहा कि परिवार नियोजन के स्थायी समाधान के लिए महिला या पुरुषों का बन्ध्याकरण कराया जाना जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए लगातार स्वास्थ्य विभाग की ओर से लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जगह जगह पोस्टर, बैनर, प्रचार गाड़ी सोशल मीडिया के साथ आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से समय समय पर अस्पतालों में बन्ध्याकरण कराने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है। साथ ही बन्ध्याकरण कराने वाली महिला या पुरुषों को आर्थिक लाभ भी दिया जाता है।
– जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हो रहा बन्ध्याकरण:
डीआईओ डॉ अवधेश सिंह ने बताया कि जिले के कई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में महिलाओं का बंध्याकरण किया जा रहा है।
– जनसंख्या के नियंत्रण के लिए जरूरी है परिवार नियोजन:
सीएस ने बताया कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अति आवश्यक है। परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन आंदोलन का रूप दिया जाना चाहिए।
– पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन में है मददगार:
पुरुष नसबंदी, पुरुषों के लिए शल्यक्रिया द्वारा बन्ध्याकरण की प्रक्रिया है। पुरुषों को भी बन्ध्याकरण को आगे आना चाहिए।
– अब बंध्याकरण है एक सरल प्रक्रिया:
अनचाहे गर्भ धारण से बचाव को बन्ध्याकरण जरूरी है। यह एक मामूली तथा साधारण सी शल्य क्रिया है । पुरुषों को शल्यक्रिया के पश्चात कम से कम 48 घंटे आराम करना होता तथा एक सप्ताह तक उन्हें कोई भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। एक सप्ताह आराम के बाद ही कोई कार्य आरंभ करनी चाहिए। यदि शल्य क्रिया के बाद तेज बुखार, अधिकाधिक या लगातार रक्त स्राव, सूजन या दर्द होता हो, तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। पुरुष का बन्ध्याकरण करना सुरक्षित और आसान है। महिला बंध्याकरण में लाभार्थियों को 2000/- एवं पुरुष नसबंदी में 3000/- दिया जाता है।
– परिवार नियोजन की स्थायी व अस्थायी संसाधन हैं उपलब्ध :
डॉ आकांक्षा श्रीवास्तव ने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में स्थायी व अस्थायी साधन मुफ्त उपलब्ध हैं। जो परिवार स्थायी साधन का इस्तेमाल करना चाहते हैं जैसे कि पुरुष नसबंदी, महिला बंध्याकरण इत्यादि उन्हें अस्पताल में भेज दिया जाता है। जबकि अस्थायी साधन के रूप में अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कंडोम आदि फैमिली प्लानिंग कार्नर में ही दंपति को उपलब्ध करा दी जाती है। उसके इस्तेमाल और सावधानियों की जानकारी समन्यवक,आशा एवं एएनएम द्वारा दी जाती है।