पीएमसीएच अस्पताल बन गया है युद्ध का मैदान।
1 min readपीएमसीएच अस्पताल बन गया है युद्ध का मैदान।
पटना:आजकल इस अस्पताल में इलाज कम मारपीट ज्यादा होता है
सुरक्षाकर्मी मरीज के परिजन से दुर्व्यवहार करते हैं ,मारपीट भी करते हैं। मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीर आपके सामने है जहां लोग इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
मरीज के इलाज से ज्यादा जरूरी है पीएमसीएच के व्यवस्था का इलाज किया जाए।
मानवाधिकार कानून का हो रहा है खुल्लम खुल्ला उल्लंघन।
बिहार की राजधानी पटना का यह अस्पताल अशोक राजपथ पर स्थित है जिसकी नीव 1925 ईस्वी में रखा गया था। इस मेडिकल कॉलेज में विदेशों से छात्र पढ़ने के लिए आया करते थे। पूरे बिहार से इलाज के लिए साधारण एवं गंभीर मरीज यहां पर आते हैं लेकिन उचित देखभाल नहीं होने के कारण अधिकांश गंभीर मरीज बच नहीं पाते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बिहार को बेहतर चिकित्सा देने के लिए 55 40 करोड़ रुपए की लागत से 5462 बेड का अस्पताल बनाने के लिए निर्णय लिया जिस पर तेजी से काम चल रहा है। अस्पताल के बन जाने के बाद यहां शोध के डॉक्टर ,मेडिकल स्टाफ एवं नर्स से लेकर मरीज के परिजन के लिएआवास की व्यवस्था हो जाएगी।
यहां के जूनियर डॉक्टर द्वारा बार-बार हड़ताल करने के कारण चिकित्सा सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है, सरकार इस दिशा में कोई ठोस नीति नहीं बना रही है जिससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है गंभीर मरीज दम तोड़ रहे हैं। चिकित्सा सेवा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी इस दिशा में संज्ञान नहीं ले रहे हैं। पीएमसीएच परिसर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। आए दिन दलाल घूमते रहते हैं जो गांव देहात से आने वाले भोले भाले लोगों को बहला-फुसलाकर प्राइवेट क्लीनिक में ले जाते हैं जहां से उनको मोटी कमीशन मिलता है। यदि इस अस्पताल में उचित देखभाल होगा, अनुशासन रहेगा, डॉक्टर की सुरक्षा रहेगी तो मरीज परेशान नहीं होंगे और एक नया संदेश जाएगा। इस व्यवस्था के सुधार के लिए पटना शहर में स्थापित केंद्र की देखरेख में चलने वाले दो बड़े अस्पतालों से सीख लेने की जरूरत है जहां की व्यवस्था बिल्कुल पारदर्शी है किसी को कोई पैरवी की जरूरत नहीं पड़ती है आम इंसान भी आसानी से यहां अपना इलाज करवा लेता है तो क्यों नहीं पीएमसीएच प्रबंधन इस व्यवस्था को अपनाता है क्या मजबूरी है कि पीएमसीएच रण क्षेत्र बनते जा रहा है। सभ्य समाज में मानवता की सेवा करने के बजाए उनसे मारपीट करना कहां तक उचित है।
इस अस्पताल में मीडिया कर्मियों के प्रवेश पर भी रोक लगाने का काम यहां के प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है जल्द ही इस मामले को लेकर इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपेंगे। एसोसिएशन के महासचिव सनोवर खान एवं मनोज सिंह ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत सम्राट के साथ बैठक कर आगे की दिशा तय करने का अनुरोध किया है ताकि चिकित्सा सेवा में सुधार के लिए पत्रकारों का एक दल बड़े अस्पतालों में जाकर वहां की समस्या से जनमानस को अवगत करा सके।
ताजा मामला सोमवार की शाम पीएमसीएच अस्पताल के।टीवी वार्ड का है जहां इलाज कराने के लिए गई एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और उनको भर्ती नहीं किया गया वहां के जूनियर डॉक्टर गार्ड के साथ मिलकर मारपीट पर उतारू हो गए एवं उनके साथ मीडिया कर्मी को भी भला बुरा कहा किसी तरह जान बचाकर वहां से ये लोग भागे। यहां के सुरक्षा व्यवस्था में लगे सुरक्षाकर्मी का चरित्र सत्यापन कराने के लिए राज्यपाल से मांग की जाएगी और उनका पारिवारिक एवं एकेडमी इतिहास खंगाला जाएगा।
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