बैंकों में लटक गए ताले,ग्राहक भटकते रहे इधर से उधर,कल भी रहेगा हड़ताल।
पटना से मनोज सिंह के साथ सनोवर खान की रिपोर्ट
बैंकों में लटक गए ताले।ग्राहक भटकते रहे इधर से उधर।
कल भी रहेगा हड़ताल।
बिहार की राजधानी पटना में भी बैंकों में हड़ताल का असर दिखने लगा। देशव्यापी हड़ताल के कारण पटना के तमाम बैंकों में ताले लटक गए जिसके कारण करोड़ों का लेनदेन प्रभावित हुआ।
बैंकिंग व्यवस्था किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का रीढ़ माना जाता है। आर्थिक उत्थान पतन इसी बैंकिंग व्यवस्था के सुचारू रूप से चलने के कारण प्रभावित होता है
बैंक में हड़ताल का मुख्य कारण सरकार द्वारा बैंकों का निजी करण का प्रयास है, सरकार इसी सत्र में इस विधेयक को लाने वाली है इसी कारण बैंक एम्पलाई देश और समाज हित में निजी करण नहीं चाहते हैं क्योंकि उनका कहना है कि सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 1960 में 8 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था तत्पश्चात 19 जुलाई 1969 में 14 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया जिसकी जमा पूंजी 50 करोड़ से अधिक थी। कुछ बैंकों के विलय के बाद अभी वर्तमान में सरकारी क्षेत्र के बैंकों की संख्या 12 है।
पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना 19 मई 1894 मे भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत वर्तमान पाकिस्तान के लाहौर में अनारकली बाजार में हुआ था।
आज राष्ट्रव्यापी बैंकों के हड़ताल के अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक के गांधी मैदान स्थित मंडल कार्यालय में यूनियन के नेताओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन करने वाले में मुख्य रूप से चेयरमैन बलवंत कुमार, सचिव अभय कुमार सिंह, संयुक्त सचिव नवीन कुमार, खजांची आयुष कुमार ,संतोष कुमार, विजय कुमार ,आर के चौधरी, निशांत कुमार, अजय कुमार , कुंदनजी, धर्मेंद्र जी, कालू जी ,्चंद्र भूषण जी, पिंकू एवं स्नेहा उपस्थित थे।
इस अवसर पर पटना दक्षिणी के सचिव अभय कुमार सिंह ने कहा की सरकार 2 दिन के हड़ताल में यदि हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और देशव्यापी बैंकिंग व्यवस्था को ठप कर देंगे।
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