December 15, 2021

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मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने 3 वर्ष पहले पदभार संभाला था। पदभार संभालाते ही बहुत बड़ी बड़ी बातें बोलकर निकल गए क्या उस पर अभी तक कोई करवाई कही भी हुई क्या यह सिर्फ कागज पर ही रह गया है।

मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने 3 वर्ष पहले पदभार संभाला था।
पदभार संभालाते ही बहुत बड़ी बड़ी बातें बोलकर निकल गए क्या उस पर अभी तक कोई करवाई कही भी हुई क्या यह सिर्फ कागज पर ही रह गया है।

बिहार स्टेट मदरसा बोर्ड सिर्फ नाम का बोर्ड बन कर रह गया है।

मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के द्वारा सूत्रों के अनुसार पता चला है कि एक साथ तीन से चार चार पद लेकर बैठे हैं क्या उन पदों का उपयोग भी किया जा रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास कोई भी ऐसा समाजसेवक व्यक्ति या फिर कोई भी कार्य कर्ता नहीं है जिनको वह जिम्मेदारी सौंपा जाए।

सनोवर खान के साथ मनोज कुमार सिंह की रिपोर्ट

मदरसा बोर्ड को प्राथमिक विद्यालय यह उर्दू प्राथमिक स्कूल बना दिया जाए।

क्यों कि बोर्ड के नाम पर लाखों रुपए सरकार के द्वारा अध्यश और सदयस पर खर्च किये जाते है फिर भी आज तक मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के द्वारा किसी भी शिकायत करता से नही मिला जाता है औऱ ना ही शिकायत कर्ता का निपटारा किया गया।
अध्यश आवेदन करता से मिलने से कतराते हैं तो पत्रकारों से मिलने की दूर की बात। क्या बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पदभार ग्रहण के बाद जो उन्होंने अपनी बातों को रखा था अब तक किन किन बातों को पूरा किया गया। मदरसा में बच्चे नहीं फिर भी मदरसा चलाए जा रहे हैं बिना ग्रांड के पैसे उठाए जा रहे हैं बच्चे आए या नहीं आए मदरसे में बच्चे रहे या नहीं रहे फिर भी सरकार के द्वारा मदरसा के शिक्षकों को वेतन मिलता रहा है।
पटना| अब्दुल कय्यूम अंसारी ने गुरुवार को बिहार राज्य मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन का पदभार संभाल लिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड के कर्मियों की हाजिरी अब बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी। हर कर्मी व अधिकारी को 10 से 4 बजे तक दफ्तर में रहना होगा। रिश्वतखोरी का पता चला तो कर्मी को निलंबित कर दिया जाएगा। जो लोग प्राइवेट मदरसा चलाते हैं, उन्हें तीन माह के अंदर सोसाइटी या ट्रस्ट बना लेना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उन मदरसाें की मान्यता को बोर्ड खत्म कर देगी। मदरसा बोर्ड के दफ्तर को हज भवन, रिजवान पैलेस या फिर सुल्तान पैलेस में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। जिन मदरसों में छात्रों की उपस्थिति 50 फीसदी से कम होगी, उन मदरसों को फार्म भरने पर रोक लग जाएगी।

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