शराबबंदी एवं सतत जीविकोपार्जन योजना से सम्बंधित कार्यों की फैलाई गयी जागरूकता* *ब्यूरो चीफ अंजुम शहाब* *की रिपोर्ट* *मुजफ्फरपुर* *( बिहार )*
1 min read*शराबबंदी एवं सतत जीविकोपार्जन योजना से सम्बंधित कार्यों की फैलाई गयी जागरूकता*
*ब्यूरो चीफ अंजुम शहाब* *की रिपोर्ट* *मुजफ्फरपुर* *( बिहार )*
आज सकरा प्रखंड मुख्यालय में शराबबंदी एवं सतत जीविकोपार्जन योजना से सम्बंधित कार्यों की जागरूकता -सह -संवाद कार्यक्रम जीविका दीदी एवं सतत जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित दीदियों के साथ जिलाधिकारी महोदय, उपविकास आयुक्त महोदय, DPM जीविका एवं जिला कार्यालय जीविका के प्रबंधक ने संवाद किये।
साथ हीं प्रखंड विकास पदाधिकारी, सकरा एवं अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित हुए।
जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि *शराब हमारे शरीर को हीँ नही हमारे मन और मस्तिष्क को भी नष्ट करता है।हमे यदि स्वस्थ्य समाज का निर्माण करना है,तो हमेशा हमे समाज से बुराइयों को बाहर करना होगा। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय /जीविका दीदियों से अपील की कि मद्ध निषेध को लेकर प्रभावी जन जागरूकता अभियान को मूर्त रूप देना सुनिश्चित करें ताकि इस गंभीर सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाया जा सके।*
उप विकास आयुक्त महोदय द्वारा बताया गया कि जीविका की दीदियों के आह्वान पर ही,बिहार में शराबबंदी कानून लाया गया। जीविका विश्व की एक ऐसा संगठन है,जो समाजिक, आर्थिक एवं शशक्तिकरण पर बेहतरीन कार्य कर रही है।साथ ही सामाजिक कुरीतियों को भी जड़ से मिटाने का कार्य कर रही है।
जीविका की DPM अनिशा ने जीविका दीदियों से आह्वान किया कि शराब की बीमारी जो समाज को खोखला करती है उसे जड़ से समाप्त करने में आप सभी की अहम भूमिका है। आपके माध्यम से लगातार किए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम काबिलेतारीफ है।
कार्यक्रम में इस आशय का शपथ भी लिया गया कि *हम सभी जीविका दीदी के सहयोग से और मजबूती के साथ शराबबंदी का पालन करेंगे एवं इस कैंसर रूपी बुराई को जड़ से मिटाने की दिशा में और मजबूती के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे*।
साथ ही कार्यक्रम में DPM जीविका के द्वारा बताया गया कि 269 ग्राम संगठनों,3833 स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से 45387 दीदियाँ के द्वारा जन-जागरूकता रैलियां निकाली गई।
कहा कि सतत जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से 677 वैसे अत्यंत निर्धन गरीब परिवारों को जोड़ा गया है जो शराब बंदी के बाद सम्मान जनक रोजगार की तलाश में थें।
*सतत जीविकोपार्जन योजना(SJY)*
SC/ST:198 जो देशी शराब और ताड़ी उत्पादन से जुड़े हुए थे सहित अत्यंत निर्धन वर्ग के कुल 677 सदस्यों को इस योजना से जोड़ा गया।