किसानों की फसलों को रौंद रही है, निलगायें।/रिपोर्ट कौशल किशोर सिंह।
किसानों की फसलों को रौंद रही है, निलगायें।
कौशल किशोर सिंह।
वैशाली। गोरौल। गोरौल प्रखंड क्षेत्र के आस पास के क्षेत्रों में फसलों पर नीलगायें के कहर बरपाने के कारण प्रेमराज, पैगम्बर पुर गोरीगामा, फतहपुर, इसमाईलपुर, मंजिया, बकसामा, रसुलपुर कोरीगांव, पिरोई, विशुनपुर बांदे, सोन्धों, चेेेहराखुर्द, मथना, मार्गी, मधौल, मरिजावाद, पोझा, कटरमाला, पीरापुर आदि गांवों में उपज में भारी गिरावट होने की आशंका जताई हैं।
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक किसानों के खेत में लगी फसलों को बचाने को लेकर किसानों के समक्ष चिंता जताया जा रहा हैं। गोरौल प्रखंड के विभिन्न गांवों में जंगली सुअर तथा नीलगायें के उत्पाद के सामने किसान विबश होते नजर आ रहे हैं। नीलगायें अब कहर बन कर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रही हैं। वे अपनी फसलों को बचाने को लेकर रतजगा भी कर रहे है, पर फसलों को बचाना और सुअर तथा नीलगायें से निपटना अब उनके वश में नहीं हैं। कई लघु और सिमांत किसान खेती छोर देने का मन बना रहे हैं। कर्ज के बोझ तले दबे रहने के बाद भी जैसे तैसे किसानों ने फसले लगायी तो अब सुअर तथा नीलगायों के उत्पात से रबी, मटर, तंबाकु, सरसों, गेहूं आदि की फसलें चौपट हो रही हैं। इसमाईलपुर पंचायत के किसान अनिल कुमार सिंह, उमाशंकर साह, धर्मेन्द्र कुमार, ललन कुमार सिंह, अरूण ठाकुर, मलय कुमार सिहं, बकसामा से अरबिंद कुमार, रमेश सिंह, बिनोद सिंह, मो.हासीम, संतोष कुमार, विकाश कुमार, सोन्धों से सुबोध राय मनोज राय, सुरेश राय, मुन्ना कुमार, बांदे से लक्षुमण सिंह, रामबाबु सिंह, पिरोई से बंगाली सिंह, मिथिलेश सिंह, सुमन कुमार, विवेक कुमार, अशोक कु.सिंह, रामबाबु सिंह, आदि किसानों ने बताया कि फसलों को बचाने को लेकर रतजगा करना पड़ता हैं। जिला प्रशासन की ओर से नीलगायें व सुअरों को पकड़ने के लिए कोई सुविधा हो जाती तो हम किसानों को फसल बर्बादी से निजात मिलता।