शिवहर जिले में 21 दिसंबर से शुरू होगा आईडीए कार्यक्रम / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
शिवहर जिले में 21 दिसंबर से शुरू होगा आईडीए कार्यक्रम / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– फाइलेरिया के संक्रमण को रोकने में होगा सहायक
– 14 कार्यदिवसों का होगा कार्यक्रम
शिवहर, 10 दिसंबर।
शिवहर जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए जिले में 21 दिसंबर से आईडीए कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ केके सिंह ने कहा कि फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है। जो मुख्यत: मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इसमें आदमी जीवन पर्यंत के लिए अपाहिज हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण 8 से 10 वर्षों में दिखने शुरू होते हैं जिससे व्यक्ति इसे गंभीरता से नहीं ले पाता है। जिसके लिए एमडीए के बाद आईडीए प्रोग्राम की शुरुआत राज्य के तीन जिलों में हो रही है, जिसमें एक शिवहर जिला भी है। डुमरी कटसरी की महा सुंदरी देवी को एक पैर में फाइलेरिया है। वह कहती हैं कि अगर उन्होंने समय पर फाइलेरिया दवाओं का सेवन किया होता तो आज वह फाइलेरिया के कारण हुई अपंगता का दंश नहीं झेल रही होती। वहीं तरियानी के रामदयाल महतो कहते हैं कि आईडीए के तहत जो तीन दवा दी जाएगी उससे फाइलेरिया का संक्रमण रुकेगा। यह फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सबसे जरूरी है। जिले में 615 फाइलेरिया से ग्रसित लोगों को एमएमडीपी (स्व उपचार) किट दिया जा चुका है। इस किट में टब, मग, एंटीसेप्टिक लोसन, एंटीफंगल क्रीम, एंटीबैक्ट्रीयल क्रीम, साबुन, शॉफ्ट टॉवल, कॉटन और ग्लब्स स्वउपचार के लिए दिया जाता है। साथ में इस्तेमाल की विधि और कुछ व्यायाम बताए जाते हैं।
क्या है आईडीए प्रोग्राम:
भीबीडीसी मोहन कुमार ने कहा कि फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन हेतु सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवाओं (डीइसी, अल्बेंडाजोल, और आईवरमेक्टिन) का सार्वजनिक रूप से सेवन कराना आईडीए कार्यक्रम का लक्ष्य है। इस कार्यक्रम के तहत सभी व्यक्तियों को डीईसी, अल्बेंडाजोल और आईवरमेक्टिन की दवा का स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा सेवन कराया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत जिले की कुल आबादी 7 लाख 86 हजार छह सौ उनचालीस के 85 प्रतिशत को लक्षित किया गया है। जिले में आवश्यक दवाओं की आपूर्ति करा दी गयी है। परिवार रजिस्टर एवं प्रचार प्रसार सामग्री के मुद्रण का कार्य चल रहा है।
नाइट ब्लड सर्वे का काम है शुरू:
भीबीडीसी मोहन कुमार ने कहा कि जिले में नाईट ब्लड सर्वे का कार्य चल रहा है। जिसमें रात के नौ बजे के बाद व्यक्ति का ब्लड सैंपल लिया जाता है। ऐसा इसलिए कि फाइलेरिया के पारासाइट रात में ही ज्यादा एक्टिव होते हैं। यह नाईट ब्लड सर्वे का कार्य स्वास्थ्य विभाग एवं केयर इंडिया के संयुक्त दल के द्वारा किया जा रहा है। अभी तक जिले में 976 मरीजों की सूची उपलब्ध है। आईडीए कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से कम उम्र, गर्भवती, धातृ महिला, गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति को यह दवा नहीं खिलानी है। वहीं दो से 5 वर्ष के बच्चे को आईवरमेक्टिन नहीं देना है।