पटना नगर निगम बांकीपुर अंचल के मुख्य सफाई निरीक्षक की अपनी मनमानी। / पटना से सनोवर खान के साथ मनोज सिंह की रिपोर्ट।
पटना नगर निगम बांकीपुर अंचल के मुख्य सफाई निरीक्षक की अपनी मनमानी। / पटना से सनोवर खान के साथ मनोज सिंह की रिपोर्ट।
नीतीश सरकार में अफसरो की अफसर शाही।
कामो को किया जाता है नजर अंदाज। पत्रकारों के द्वारा फ़ोन किये जाने पर भी नजर अंदाज कर फ़ोन काट दिया जाता है।
पटना से सनोवर खान के साथ मनोज सिंह की रिपोर्ट।
पटना शहर कब बनेगा स्मार्ट सिटी?,
पटना शहर के महापौर मेयर साहिबा सीता साहू जिनका कार्यकाल साढ़े 4 साल पूरा हो चुका है अगले वर्ष अप्रैल महीने चुनाव होने वाले हैं लाख कोशिश के बावजूद नगर निगम द्वारा पटना को देश में उचित स्थान नहीं मिल पाया इसका खास कारण अधिकारियों द्वारा टालमटोल की नीति एवं कर्मचारियों को समय पर भुगतान नहीं होना, कमीशन खोर कंपनियां एवं घोटालों में लिप्त अधिकारी के कारण यह दुर्दशा है। नागरिकों द्वारा करोड़ों रुपया टैक्स देने के बाद भारत सरकार द्वारा राशि आवंटित होने के बावजूद आज भी पटना सफाई के लिए मोहताज है।
ताजा मामला वार्ड नंबर 47का है जहां के मुख्य सफाई निरीक्षक एवं सेक्टर सुपरवाइजर द्वारा आवेदक के शिकायत पर कोई करवाई नहीं किया गया बल्कि गलत रिपोर्ट बांकीपुर अंचल कार्यालय को दिया गया।
वार्ड नंबर 47 के निवासी संगीता कुमारी पति मिथिलेश कुमार जय महावीर कॉलोनी रोड नंबर 5 में 3 महीने से नाला नहीं उड़ा ही करने के कारण सड़क पर पानी बह रहा है जिसकी शिकायत उन्होंने आवेदन के माध्यम से बांकीपुर अंचल को किया था लेकिन उनके आवेदन पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई बल्कि गलत रिपोर्ट दिया गया जिसके कारण वहां के स्थानीय लोगों में नगर निगम के प्रति आक्रोश का भाव है। आखिर क्या कारण है अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है तो पटना को स्मार्ट सिटी बनाने का सिर्फ सपना रह जाएगा क्यों नहीं दऐसे लापरवाह अधिकारियों पर नगर विकास विभाग कार्रवाई करता है आखिर कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है या फिर पूरा दाल ही काला है यह तो जांच का विषय है। भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है और आय से अधिक संपत्ति उगाही करने वाले अधिकारी और कर्मचारी के करतूतों को उजागर कर नगर निगम क्यों नहीं करवाई कर रहा है आखिर कब तक आर्थिक अपराध इकाई का इंतजार करेगा। आज नहीं तो कल ऐसे गैर जिम्मेवार अफसरों पर कार्रवाई होगी और निश्चित तौर पर नागरिकों के सुविधा को छिनने वाले, तकलीफ पहुंचाने वाले अधिकारियों पर करवाई होगी। इसके पहले भी इसके पहले भी बहुत सारे नगर निगम के अफसर और कर्मचारी सजा भुगत चुके हैं फिर भी इनको किसी का डर भय नहीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि नगर निगम हमारे क्षेत्र की समस्या पर ध्यान नहीं देगा तो मजबूर होकर हम लोग को शांतिपूर्ण तरीके से धरना के लिए बाध्य होना पड़ेगा