जिले के प्रखण्डों समेत अनुमंडलीय अस्पतालों में चल रहा है परिवार नियोजन पखवाड़ा / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readजिले के प्रखण्डों समेत अनुमंडलीय अस्पतालों में चल रहा है परिवार नियोजन पखवाड़ा / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– महिलाओं को परिवार नियोजन से संबंधित दी जा रही जानकारी
– 22 नवम्बर से 4 दिसंबर तक चलेगा परिवार नियोजन पखवाड़ा
– प्रचार गाडी को हरी झण्डी रवाना किया गया
मोतिहारी ,29 नवम्बर।
जिले के अनुमंडलीय अस्पताल पकड़ीदयाल, हरसिद्धि,आदापुर समेत कई प्रखंडों में 22 नवम्बर से 4 दिसंबर तक परिवार नियोजन पखवाडा आयोजित किया जा रहा है । जिसमें पकड़ीदयाल अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ हामिद हुसैन के द्वारा मौके पर प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया गया जो पकड़ीदयाल प्रखण्ड के सभी गांवों में अगले पांच दिन तक भ्रमण करेगा। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन पखवाड़ा शुरू किया गया है। मौके पर बीसीएम अनिल मण्डल ने बताया कि बढ़ रही जनसंख्या का मुख्य कारण महिलाओं व परिवारों में अशिक्षा व परिवार नियोजन की जानकारी की कमी है। इस समस्या का एक मात्र निदान है जागरूकता।
– परिवार नियोजन के बारे में महिलाओं को जागरूक करना जरूरी :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ हामिद हुसैन ने बताया कि परिवार नियोजन के विषय में महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक है। इसके लिए आशा, एएनएम ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा परिवार नियोजन के बारे में इस विषय पर खुलकर बात करना जरूरी है कि, परिवार नियोजन का क्या अर्थ है, यह उनको तय करना कि आपके कितने बच्चे हों, और कब हों ,अगर आप बच्चे पैदा करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करना चाहते हैं तो अनेक उपलब्ध साधनों में से कोई एक साधन चुन सकते हैं। इन्हीं साधनों को परिवार नियोजन के साधन, बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के साधन या गर्भ निरोधक साधन को परिवार नियोजन कहते हैं। गर्भधारण, प्रसव, तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाए मृत्यु की शिकार हो जाती हैं। इनमें अनके मौतों को परिवार नियोजन के द्वारा रोका जा सकता है।
– परिवार नियोजन द्वारा गर्भ धारण के खतरों की रोकथाम संभव :
केयर के ब्लॉक मैनेजर सतीश कुमार सिंह ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों की प्रसव के दौरान मृत्यु की संभावना रहती है। क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। उनको पैदा हुए बच्चों का भी पहले वर्ष में ही मृत्यु हो जाने की आशंका अधिक रहती है। गर्भधारण से अधिक आयु की महिलाओं को ज्यादा खतरा रहता है क्योंकि उन्हें प्राय: अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं। 3 या उससे अधिक बच्चे पैदा करने वाली महिला को प्रसव के पश्चात खून बहने व अन्य कारणों से मृत्यु का अधिक जोखिम होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेविका सहायिकाओं द्वारा महिलाओं को परिवार नियोजन के संसाधनों यथा कॉपर टी, कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां, सुई आदि की जानकारियों के साथ महिलाओं को अनचाहे गर्भावस्था से रोक के उपाय की जानकारी देने की आवश्यकता है।
– संतुलित आहार लेना है आवश्यक:
डॉ रीता चौधरी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हमेशा शारीरिक व मानसिक विकास के लिए फल,हरे सब्जियों, सलाद, व दूध , दूध से बने सामग्रियों का सेवन जरूरी है। साथ ही किसी भी तरह के तनाव से बचने की आवश्यकता है।
-आयरन कैल्सियम का उचित मात्रा में सेवन जरूरी:
डॉ रीता चौधरी ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भस्थ बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है।
– परिवार नियोजन के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया:
डॉ रीता चौधरी ने बताया कि वर्तमान समय मे जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए व अनचाहे गर्भ ठहरने से रोक के लिए , साथ ही साथ बच्चा पैदा करने के साथ ही तुरंत पुनः गर्भधारण की समस्याओं से बचाव के लिए गर्भवती, व धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की विभिन्न संसाधनों यथा, कन्डोम, माला डी, अंतरा, कॉपर टी, एवं नसबंदी, जैसे परिवार नियोजन के स्थायी व अ स्थायी साधनों की जानकारी दी गईं।
मौके पर डॉ हामिद हुसैन, बाल प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक अनिल मण्डल कुमार, केयर प्रबंधक सतीश कुमार , प्रखण्ड प्रबन्धक अवनीश कुमार ,संजू कुमारी, एवं अबुल फैज खान उपस्थित थे।