थैलेसीमिया पीड़ित राहुल को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से मिली नई जिंदगी /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readथैलेसीमिया पीड़ित राहुल को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से मिली नई जिंदगी /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कोल इंडिया के मद से हुआ इलाज
– पुपरी का रहने वाला है राहुल,14 लाख हुए हैं खर्च
सीतामढ़ी, 20 नवंबर ।
वह दिन और उनका नाम मैं कभी नहीं भूल सकता। वह छपरा के किशोरी बाबू थे। पीएचसीएच में अपने थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को खून चढ़वा रहे थे। दुर्भाग्य है उनका बच्चा नहीं बचा पर मेरा बच्चा आज उन्हीं के कारण हमारी गोद में है। यह कहते हुए पुपरी प्रखण्ड के रहने वाले राहुल के पिता रंजीत कुमार भावुक हो जाते हैं। खुद को संभालते हुए वह कहते हैं उन्होंने ही मुकेश हिसारिया का नाम और पता बताया था। जिनकी सहायता से मेरे छोटे बेटे राहुल का बोन मैरो ट्रांस्प्लांट हुआ।
तीन साल में 33 बार चढ़ाया ब्लड-
राहुल के पिता रंजीत कहते हैं कि राहुल जब एक महीना का था तभी उसे बुखार, सर्दी होने लगा। एक दो महीने में उसका सारा शरीर उजला और शरीर पर झुर्रिया पड़ने लगी। यहां तक कि वह अब हाथ पांव भी नहीं चला पाता था। नजदीक के डॉक्टर को दिखाया पर उससे कोई राहत नहीं था। दरभंगा में दिखाने पर पता चला कि वह थैलेसीमिया से ग्रसित है। किसी तरह हाथ पांव जोड़ कर भी खून का इंतजाम करता और 33 बार उसका ब्लड चढ़वाया। इस क्रम में उसके तीन साल निकल चुके थे। राहुल जब डेढ़ साल का था तभी उसका बोन मैरो मैच करवा चुका था। उसका बोन मैरो मेरे बड़े बेटे गिरधर से मैच हो रहा था। उस समय उतने पैसों का इंतजाम कहीं से भी नहीं हो पाया था।
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कोल इंडिया के थैलेसीमिया मद से मिली मदद
रंजीत कहते हैं कि मेरी मदद पटना के समाजसेवी मुकेश हिसारिया जी ने की। उनकें ही मागदर्शन से राहुल को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कोल इंडिया से करीब 14 लाख की धनराशि प्राप्त हुई और सीएमसी वेल्लोर में उसका इलाज सफल हो पाया। वहीं इस संबंध में मुकेश हिसारिया कहते हैं कि अब तक मेरे द्वारा 38 लोगों की पहचान की गयी है। जिनका इलाज करवाया जा रहा है।