रक्तदान महादान, यह कोई साधारण वाक्य नहीं है ,व्यक्ति के जीवन और मृत्यु से संबंधित है । पटना से मनोज सिंह के साथ सनोवर खान की रिपोर्ट
रक्तदान महादान, यह कोई साधारण वाक्य नहीं है ,व्यक्ति के जीवन और मृत्यु से संबंधित है
पटना से मनोज सिंह के साथ सनोवर खान की रिपोर्ट
पटना:रक्तदान महादान, यह कोई साधारण वाक्य नहीं है ,व्यक्ति के जीवन और मृत्यु से संबंधित है इसके अनेक उदाहरण मिल जाएंगे लेकिन यहीं रक्त जब समय पर उपलब्ध नहीं हो तो मरीज की जान चली जा सकती है।
समय पर रक्त नहीं उपलब्ध होने के दो कारण होते हैं पहला कारण सरकारी प्रक्रिया, दूसरा कारण अधिकारियों की लापरवाही।
ताजा मामला पटना के जयप्रभा अस्पताल परिसर के ब्लड बैंक का है जो मॉडल ब्लड बैंक के नाम से जाना जाता है।
कंकड़बाग में मेदांता अस्पताल के बगल में स्थित मॉडल ब्लड बैंक के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही के वजह से आज एक मरीज के परिजन को अस्पताल से ब्लड बैंक और ब्लड बैंक से अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ा। यह परेशानी केवल कर्मचारियों द्वारा जिम्मेवारी नहीं लेने के कारण हुआ।
गौरतलब है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत संचालित ब्लड बैंक से ब्लड लेने की प्रक्रिया के तहत संबंधित अस्पताल को ब्लड डिमांड की पर्ची के साथ ब्लड का सैंपल भेजना होता है उसके बाद मामूली खानापूर्ति करके जांच के बाद ग्रुप का ब्लड मरीज के परिजन को दे दिया जाता है। लेकिन संबंधित अस्पताल में ब्लड बैंक का पर्ची पहले से उपलब्ध होना जरूरी है, अनेक अस्पताल पर्ची के महत्व को नहीं समझते हुए परिजन को ब्लड लाने के लिए भेज देते हैं जहां से उनको लौटा दिया जाता है।
5 नवंबर को मरीज के परिजन अपने संबंधियों द्वारा डोनर के रूप में मॉडल ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट कर दिए थे। 7 नवंबर को ब्लड लेने के लिए ब्लड बैंक में गए तो उनको बेवजह कागजी प्रक्रिया के तहत परेशान किया गया जिसकी शिकायत उन्होंने पटना सिविल सर्जन और राज्य स्वास्थ्य समिति को किया है।
रिसेप्शन काउंटर जिसको इंक्वायरी भी कहते हैं इस ब्लड बैंक का सीढ़ी के नीचे बना हुआ है यहां बड़ी मुश्किल से कर्मचारी काम को निपटा ते हैं, अपनी जुगाड़ से वहां पर बैठने की व्यवस्था कर पाए हैं, यह दृश्य वहां के अधिकारियों को दिखाई नहीं देता है जब कर्मचारी इसकी शिकायत करते हैं तो उनका कहना है आप निविदा पर बहाल हुए हैं आपको सुविधा नहीं दिया जाएगा जबकि वहां पर काफी जगह उपलब्ध है यहां इन कर्मचारियों की बैठने की सुविधा दिया जा सकता है।
कल से पत्रकारों की टीम पटना के विभिन्न ब्लड बैंकों का जायजा लेगा और मरीज के परिजनों और अधिकारियों से उनका हालचाल जानने की कोशिश करेगा ताकि आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दिया जा सके।
24 घंटे चलने वाले इस ब्लड बैंक में मात्र दो डॉक्टरों के सहारे काम चल रहा है कुल मिलाकर यहां की स्थिति परिसर में रखा हुआ कबार कहीं से उचित नहीं है।