इमरजेंसी में प्रतिक्रिया देने को मिला ईएमटी एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण
1 min readइमरजेंसी में प्रतिक्रिया देने को मिला ईएमटी एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण
– चमकी के लक्षण आने पर दिया जाएगा नेजल स्प्रे
-प्रशिक्षण से एम्बुलेंस में मिलेगी त्वरित चिकित्सा सुविधा
सीतामढ़ी । 23 मार्च
एईएस प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता को बढ़ाने को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत मंगलवार को हुई। प्रशिक्षण में सिविल सर्जन डॉ राकेश चंद्र सहाय वर्मा ने कहा कि मस्तिष्क ज्वर गर्मी के मौसम मे एकाएक बच्चों को हो जाता है और ईलाज मे तनिक भी विल॔ब या लापरवाही जानलेवा हो सकता है। अतः जरूरी है कि इसका शीघ्र ही पहचान हो और यथाशीघ्र मरीज को अस्पताल पहँचाया जाय जहाँ समुचित ईलाज की व्यवस्था हो। इस प्रशिक्षण में पहले दिन मंगलवार को प्रथम बैच मे 25 ई एम टी ने भाग लिया। मौके पर जिला भी बी डी नियंत्रण पदाधिकारी डा रवीन्द्र कुमार यादव ने एईएस के प्रारम्भिक उपचार तथा मरीज के शीघ्र अस्पताल पहुँचाने एवं परिवहन के दौरान उपचार के विषय मे विस्तार से जानकारी देते हुए सभी इ एम टी एवं एम्बुलेन्स चालको से जनहित मे त्वरित एवं निर्बाध सेवा की अपील की । वहीं क्षेत्रिय स्वास्थ्य प्रबंधक प्रशांत कुमार ने भी इएमटी के कर्तव्यों एवं मस्तिष्क ज्वर के नियंत्रण मे उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए गंभीरता पूर्वक कार्य करने को कहा।व्यवहारिक प्रशिक्षण केयर इण्डिया के मेंटर डॉ मेहदी हसन ने दिया।
होगा पोस्ट असेसमेंट
प्रशिक्षण के दौरान डॉ वर्मा इमरजेंसी टेक्निकल स्टॉफ से बीच -बीच में सवाल भी पूछते नजर आए। उन्होंने इमरजेंसी किट में मौजूद दवाओं, उपयोग और डोज के बारे में ईएमटी प्रशिक्षुओं से जाना और कहा कि पूरे प्रशिक्षण के बाद उनका टेस्ट होगा जिसका वह खुद रिव्यु भी करेगें।
एबुंलेंस में रहेगा चेकलिस्ट
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविंद्र कुमार यादव ने कहा कि इस बार एम्बुलेंस में ईएमटी को चेकलिस्ट दिया गया है। जिसे वे भरकर मेडिकल ऑफिसर को देगें। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि चमकी पीड़ित को क्या क्या समस्याएं हो रही थी और कौन सी आपात सुविधा इसे दी गयी थी। इससे मरीजो के प्रबंधन में काफी आसानी हो जाएगी और हर एक चमकी पीड़ित की संपूर्ण जानकारी हमारे पास हो जाएगी।
एबुंलेंस में ही हो जाएगा प्राथमिक चिकित्सा
डॉ यादव ने कहा कि एबुंलेंस में दवा, ऑक्सीजन तथा जरुरी उपकरण के मौजूद रहने से प्राथमिक चिकित्सा एबुंलेंस में ही हो जाएगी। वहीं पर मरीज का तापमान, शुगर का लेवल जैसी जांच संभव हो सकेगी। जरुरत पड़ने पर सॉल्युशन या ग्लूकोज भी चढ़ाया जा सकेगा। वहीं ऑक्सीजन भी लगाया जा सकेगा।
चमकी के लिए नेजल स्प्रे
डॉ यादव ने कहा कि वैसे बच्चे जिनको चमकी की समस्या होगी उन्हें फौरन एक नेजल स्प्रे दिया जाएगा। इस स्प्रे का इस्तेमाल मिर्गी या चमकी को शांत करने के लिए होता है। यह नेजल स्प्रे हर एम्बुंलेंस में देना बिल्कुल ही जरुरी है। मौके पर सीएस डॉ राकेश चंद्र सहाय वर्मा, जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ रविंद्र कुमार यादव, केयर डीटीएल मानस कुमार के अलावा अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।