अत्यधिक तनाव के कारण लोग मानसिक अवसाद के हो रहे शिकार: सिविल सर्जन/ रिपोर्ट नसीम रब्बानी
अत्यधिक तनाव के कारण लोग मानसिक अवसाद के हो रहे शिकार: सिविल सर्जन/ रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– सदर अस्पताल में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस का हुआ आयोजन
– मानसिक स्वास्थ्य की जाँच के साथ चिकित्सकीय परामर्श दी गई
मोतिहारी, 10 अक्टूबर।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर रविवार को मोतिहारी सदर अस्पताल में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सदर अस्पताल में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच का आयोजन भी किया गया । मौके पर सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि लोग अपनी गलत दिनचर्या,पारिवारिक मतभेद, रोजगार की चिंता आदि तनाव के कारण लोग मानसिक अवसाद के शिकार हो रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इसके प्रति जागरूकता पैदा करने और इससे बचने के उपायों पर विचार करने के उद्येश्य से मानसिक स्वास्थ्य पर चिकित्सकीय परामर्श शिविर का आयोजन किया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग मानसिक स्वास्थ्य की जाँच कराकर सुरक्षित हो। मानसिक स्वास्थ्य जाँच में किसी प्रकार की झिझक नहीं करनी चाहिए । सदर अस्पताल उपाधीक्षक व चिकित्सा प्रभारी डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि आज के वर्तमान स्थिति में हर 10 में से 1 व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है। मानसिक बीमारी का मतलब सिर्फ़ पागलपन नहीं होता है, बल्कि इसके बहुत सारे लक्षण है जैसे,अत्यधिक टेंशन,नींद नहीं आना,डिप्रेशन, आत्महत्या का खयाल आदि । मानसिक स्वास्थ्य की सेवा के लिए 104 पर कॉल करके भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य की गड़बड़ी होने पर इसका इलाज जरूरी होता है । उन्होंने कहा तनाव के कारण आपको माइग्रेन, सरदर्द, उच्च रक्तचाप तथा हृदय से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। जिनसे आपके जीवन पर खतरा बना रहता है। अतः लक्षण महसूस होते ही मानसिक चिकित्सक से सहायता लेनी चाहिए।
मौके पर सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आरके वर्मा, डॉ मुकेश कुमार कुशवाहा, उत्कर्ष उज्ज्वल, राजनाथ दास, चांदसी कुमार, अधिवक्ता अजय कुमार सिन्हा, सेव चिल्ड्रेंस के हामिद रजा समेत अन्य लोग मौके पर मौजूद रहे।
– मानसिक रोग के लक्षण:
– स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई
– बार बार नकारात्मक विचारों का आना
– आदत, इच्छा एवं एकाग्रता में अचानक परिवर्तन का होना
– आत्महत्या का विचार आना अथवा आत्महत्या करने का प्रयास करना
– क्रोध, भय, चिंता, अपराध बोध, उदासी या खुशी की लगातार अनुभूति
– बिना चिकित्सकीय सलाह के औषधियों का अधिक सेवन