इमरजेंसी में प्रतिक्रिया देने को मिला ईएमटी एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण – चमकी के लक्षण आने पर दिया जाएगा नेजल स्प्रे -प्रशिक्षण से एम्बुलेंस में मिलेगी त्वरित चिकित्सा सुविधा
1 min readइमरजेंसी में प्रतिक्रिया देने को मिला ईएमटी एंबुलेंस कर्मियों को प्रशिक्षण
– चमकी के लक्षण आने पर दिया जाएगा नेजल स्प्रे
-प्रशिक्षण से एम्बुलेंस में मिलेगी त्वरित चिकित्सा सुविधा
मुजफ्फरपुर । 23 मार्च
एईएस प्रभावित क्षेत्र के एबुंलेंस मेडिकल टेक्नीशियन की क्षमता को बढ़ाने को लेकर सदर अस्पताल स्थित एमसीएच सभागार में चार दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत मंगलवार को हुई। जिसकी अध्यक्षता जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने की। । इस प्रशिक्षण का मुख्य मकसद वैसे पारामेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षण देना था जिनकी जिम्मेदारी चमकी पीड़ित बच्चों को अस्पताल लाने की होती है। इस प्रशिक्षण को केयर के ट्रेनर देबोश्री और डीएमटी ने दिया। मौके पर डॉ सतीश ने कहा कि चमकी में समय की बहुत बड़ी भूमिका होती है। जितनी जल्द बच्चे का उपचार शुरु होगा उसके ठीक होने की संभावना भी उतनी ही ज्यादा हो जाएगी। प्रशिक्षण में एबुंलेंस में चमकी मरीज की डमी से रिहर्सल भी कराया गया। एम्बुलेंस में कैसे और किस परिस्थिति में क्या किया जाना है। यह प्रशिक्षण का मुख्य सार था। डॉ सतीश ने बताया कि एईएस के उपचार के लिए नए एसओपी आ जाने के बाद उपचार भी नए एसओपी के अनुसार ही करना है।
होगा पोस्ट असेसमेंट
प्रशिक्षण के दौरान डॉ सतीश ने इमरजेंसी टेक्निकल स्टॉफ से बीच -बीच में सवाल भी पूछते नजर आए। उन्होंने इमरजेंसी किट में मौजूद दवाओं, उपयोग और डोज के बारे में ईएमटी प्रशिक्षुओं से जाना और कहा कि पूरे प्रशिक्षण के बाद उनका टेस्ट होगा जिसका वह खुद रिव्यु भी करेगें।
एबुंलेंस में रहेगा चेकलिस्ट
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सतीश ने कहा कि इस बार एम्बुलेंस में ईएमटी को चेकलिस्ट दिया गया है। जिसे वे भरकर मेडिकल ऑफिसर को देगें। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि चमकी पीड़ित को क्या क्या समस्याएं हो रही थी और कौन सी आपात सुविधा इसे दी गयी थी। इससे मरीजो के प्रबंधन में काफी आसानी हो जाएगी और हर एक चमकी पीड़ित की संपूर्ण जानकारी हमारे पास हो जाएगी।
एबुंलेंस में ही हो जाएगा प्राथमिक चिकित्सा
डॉ सतीश ने कहा कि एबुंलेंस में दवा, ऑक्सीजन तथा जरुरी उपकरण के मौजूद रहने से प्राथमिक चिकित्सा एबुंलेंस में ही हो जाएगी। वहीं पर मरीज का तापमान, शुगर का लेवल जैसी जांच संभव हो सकेगी। जरुरत पड़ने पर सॉल्युशन या ग्लूकोज भी चढ़ाया जा सकेगा। वहीं ऑक्सीजन भी लगाया जा सकेगा।
चमकी के लिए नेजल स्प्रे
डॉ सतीश ने कहा कि वैसे बच्चे जिनको चमकी की समस्या होगी उन्हें फौरन एक नेजल स्प्रे दिया जाएगा। इस स्प्रे का इस्तेमाल मिर्गी या चमकी को शांत करने के लिए होता है। यह नेजल स्प्रे हर एम्बुंलेंस में देना बिल्कुल ही जरुरी है। मौके पर जिला भीबीडी के अलावा केयर के डीटीएल सौरभ तिवारी, नासिरुल होदा भी मौजूद थे।