October 6, 2021

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सहजन का पाउडर देगा गर्भवती और बच्चों को कुपोषण से आजादी / रिपोर्ट नसीम रब्बानी

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सहजन का पाउडर देगा गर्भवती और बच्चों को कुपोषण से आजादी / रिपोर्ट नसीम रब्बानी

– एनीमिया और प्रसव पीड़ा से मिलती है राहत
– मधुमेह, रक्तचाप, कॉलेस्ट्रॉल करता है कम

मुजफ्फरपुर, 5 अक्टूबर। पोषण को हमेशा महंगे  खाद्य पदार्थों से जोड़कर देखा जाता है। जिसका उपभोग करना प्रत्येक के लिए मुमकिन नहीं है। इन सबके बीच हमारा ध्यान उन स्थानीय  चीजों पर नहीं जाता, जिनमें महंगे  चीजों जितना ही पोषण है। कई स्थानीय  खाद्य पदार्थ तो ऐसे हैं जिनके इस्तेमाल पर हमें एक बार में कई सारे पोषक तत्व देते हैं। पिछले महीने मनाए गए पोषण माह में भी जिले में सहजन पाउडर चर्चा में रहा जिसकी रेसिपी हर आंगनबाड़ी केंद्रों में सिखाई गयी और इसे अच्छा रेस्पांस भी मिला। सेविकाओं ने इसे बनाकर लाभुक के बीच वितरित भी किया। केंद्र संख्या 127 की कुमारी कनक ने बताया कि सहजन के पाउडर के गुण जानकर इसमें लोगों ने दिलचस्पी ली है। वहीं मैंने अपने परिवार में इसे सभी को देना भी शुरू कर दिया है।  रेसिपी को सुषमा सुमन (डायटिशियन) राष्ट्रीय पोषण मिशन, आईसीडीएस  लोगों को बता रही हैं।  सुषमा सुमन कहती हैं कि सहजन को 10 बेहतरीन सुपर फूड में शामिल किया गया है, पर कम लोगों को मालूम है कि सहजन की पत्तियों का पाउडर उससे भी ज्यादा पोषण देता है। इनके पत्तियों से प्रोटीन, कैल्सियम  मैग्नेशियम, आयरन, पोटेशियम, विटामिन ए, तथा विटामिन सी प्राप्त होता है।
गर्भवतियों के लिए वरदान
सुषमा सुमन कहती हैं कि सहजन का पाउडर गर्भवतियों के लिए वरदान है। सहजन के सेवन से कैल्सियम, आयरन, विटामिन एवं अमीनो अम्ल की प्राप्ति आसानी से हो सकती है। सहजन की पत्तियों के रस गर्भवती महिलाओं को प्रसव पीड़ा से राहत देता है और इससे माताओं के दूध का स्राव भी बढ़ जाता है। वहीं इसके पाउडर को बच्चों को दूध में मिलाकर देने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती हैं।
प्रयोग रहा है सफल
सुषमा सुमन कहती हैं कि जब मुरौल में ब्लॉक कोओर्डिनेटर थी तो वहां के दो गांव किशुनपुर, मनिहारी के आंगनबाड़ी क्षेत्रों में गर्भवतियों को यह दिया जाता था। जिसका प्रतिफल रहा कि वहां कोई भी बच्चा लो बर्थ का नहीं हुआ। मुशहरी के मनिका में भी यह प्रयोग आजमाया गया था जिसमें वहां भी कम वजनी बच्चे नहीं हुए।
अन्य बीमारियों के लिए भी रामबाण
सुषमा सुमन कहती हैं सहजन की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ मधुमेह रोगी के लक्षणों को कम करने में सहायक होती है और इंसुलिन के स्तर को बढ़ाती है। सहजन की पत्तियों में ओमेगा -3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती   है, जो कॉलेस्ट्राल को नियंत्रित करती है। इसमें मौजूद पोटेशियम की मात्रा रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को कंट्रोल करती है। वहीं इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और जस्ता कैंसर कोशिकाओं और फ़्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में सहायक होते है।
कैसे बनाएं पाउडर
सहजन की साफ और कोमल पत्तियों को तोड़कर पानी से साफ कर लें। उसके बाद उसे छाए में सुखा लें। सूखने के बाद उसे खल मुसल, सिलबट्टे या मिक्सी में पीस लें। अब उसके चूर्ण को जार में बंद कर रखें। इस पाउडर का इस्तेमाल दाल में, सब्जियों में, पौष्टिक लड्डू में, आंटे में मिलाकर रोटी बनाने, काढ़ा बनाने, सूप बनाने, दूध/पानी  के साथ 25 ग्राम मिलाकर पीने में उपयोग कर सकते हैं।

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