बिहार की राजधानी पटना एवं उससे आसपास चिकित्सा सुविधा के लिए मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
1 min readपटना से सनोवर खान के साथ मनोज कुमार सिंह की रिपोर्ट
बिहार की राजधानी पटना एवं उससे आसपास चिकित्सा सुविधा के लिए मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
पटना:बिहार की राजधानी पटना एवं उससे आसपास चिकित्सा सुविधा के लिए मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उचित देखरेख के अभाव में इलाज नहीं होने के कारण कितने मरीज रोज दम तोड़ रहे हैं इनको ना तो कोई देखने वाला है ना कोई सुनने वाला भगवान भरोसे राजधानी में बिहार के सुदूर क्षेत्रों से लोग आते हैं अधिकांश मरीज ठीक हो कर चले जाते हैं जबकि अनेक मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रसित इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं। पटना के बहुचर्चित सरकारी से लेकर गैर सरकारी अस्पतालों में किस तरह की सुविधा मिल रही है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है फिर भी इन नामी-गिरामी अस्पतालों मे दवा के अभाव में मरीज चल बसते हैं जिसका आर्थिक बोझ इनके इलाज में अभिभावक के ऊपर पड़ता है। इसी परेशानी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने जन औषधि केंद्र पूरे भारत में शुरुआत की लेकिन इसका लाभ 80% मरीजों को नहीं मिल पा रहा है इसका खास कारण है कि इसकी दवा बहुत सस्ती है और इसकी दुकान करने वाले इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं जबकि अधिकांश दुकानदार जन औषधि केंद्र के माध्यम से मरीजों को लाभ दे रहे हैं। बहुत सारे अस्पताल में आर्थिक लाभ नहीं होने के कारण इन दवाओं का सेवन नहीं के बराबर हो रहा है। सरकार को चाहिए स्वास्थ्य विभाग को जल्द से जल्द छोटे बड़े सभी अस्पतालों में प्रधानमंत्री के द्वारा चलाया गया जन औषधि केंद्र का शुभारंभ किया जाए और मरीज को सस्ते दर पर दवा उपलब्ध हो जाए।
पाटलिपुत्र कॉलोनी के होनहार उत्साही युवक राजू पांडे ने अपने मित्रों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री जन औषधि दुकान की शुरुआत की और आज दूरदराज के अनेक मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है, सस्ती दवा होने के कारण इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है और पटना के बाहर भी लोग ऑन डिमांड दवा मंगवा रहे हैं।
उनके उत्साह को देखकर पटना के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर निगम प्रकाश ने इनका उत्साह वर्धन किया और भविष्य में इससे मिलने वाले लाभ के विषय में अपने मरीजों को समझाया डॉक्टर निगम प्रकाश ने पत्रकारों को बताया कि इस तरह की दुकान खोलने से मरीज को अत्यधिक आर्थिक लाभ हो रहा है और बहुत कम खर्च में सारी एलोपैथिक दवा उपलब्ध हो पा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले भविष्य में इस तरह की दुकानों का प्रचलन अत्यधिक बढ़ जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका लाभ लोगों को मिलेगा।