टीबी जागरूकता को धर्मगुरु और सीओ का मिला साथ – नियमित दवाओं का सेवन जरूरी – सभी सरकारी अस्पतालों में जांच और उपचार की है सुविधा
टीबी जागरूकता को धर्मगुरु और सीओ का मिला साथ
– नियमित दवाओं का सेवन जरूरी
– सभी सरकारी अस्पतालों में जांच और उपचार की है सुविधा
वैशाली,22 मार्च ।
विश्व यक्ष्मा दिवस को लेकर बिदुपुर पीएचसी में सोमवार को बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्येश्य से जनप्रतिनिधि स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ धर्मगुरुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। बैठक में प्रखंड में टीबी रोगियों की खोज में सहयोग के साथ लोगों के बीच टीबी की जानकारी को लेकर चर्चा की गयी। बैठक में धर्मगुरुओं ने टीबी के रोग के प्रति फैले अंधविश्वास और भ्रम से लोगों को अवगत कराने का आवश्वासन दिया वहीं जिला संचारी पदाधिकारी डॉ शिव कुमार रावत ने टीबी के लक्षण और जिले में टीबी रोगियों की जांच और उपचार की सुविधा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अब किसी भी स्वास्थ्य केंद्र चाहे वह पंचायत स्तर का ही क्यों नहीं हो बलगम जांच की सुविधा उपलब्ध है। यह जांच उच्चतम तकनीक आरटी पीसीआर से भी की जाने लगी है। वहीं ग्रामीण चिकित्सकों को संबोधित करते हुए डॉ रावत ने कहा कि जो भी टीबी मरीज की जानकारी देगें उन्हें सरकार की तरफ से 500 रुपए देने का प्रावधान है।
80 फीसदी टीबी संक्रामक
डॉ रावत ने बैठक में टीबी के बारे में बताते हुए कहा कि 80 प्रतिशत टीबी संक्रामक होते हैं। जो एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैल सकता है। इसलिए जरूरी है कि हर एक टीबी मरीज की पहचान हो ताकि इस बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके। आपको जानकार हैरानी होगी की सरकार एक मरीज पर लाखों रुपए खर्च करती है। इस बात से टीबी के प्रति सरकार की गंभीरता देखी जा सकती है।
रैली का किया गया आयोजन
विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर बिदुपर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से टीबी को लेकर रैली का भी आयोजन किया गया । जिसे अंचलाधिकारी मैत्री सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में राज्य और देश से टीबी मिटाने के नारे भी लगे, साथ ही यह रैली लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करते हुए भी चल रही थी। केयर की तरफ से एक लघु वृत्तचित्र का भी निर्माण किया गया जिसे विश्व यक्ष्मा दिवस पर जिला प्रशासन को दिखाया जाएगा।
नियमित करें दवाओं का सेवन
बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ ललन रॉय ने कहा कि प्रत्येक नवजात को 24 घंटे के भीतर बीसीजी का टीका अवश्य लगवाएं। वहीं टीबी के मरीजों को नियमित दवाओं का सेवन भी करना चाहिए। अनियमित दवाओं के सेवन से यह दूसरे स्टेज यानि एमडीआर में परिवर्तित हो जाता है, यह अवस्था खतरनाक साबित हो सकती है। मौके पर सीडीओ डॉ शिव कुमार रावत, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ ललन रॉय, एमओआइसी संजय कुमार, मेडिकल ऑफिसर डॉ एमपी, डॉ रेखा, डॉ बिनोद, केयर के डीटीएल सुमित कुमार, सीओ मैत्री सिंह, पीएचसी के बीएचएम तथा बीसीएम डब्ल्यूएचओ तथा यूनिसेफ के प्रतिनिधि आशाभी शामिल थे।