एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत समीक्षात्मक बैठक आयोजित – जिला को एचआईवी मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित
1 min readएड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत समीक्षात्मक बैठक आयोजित
– जिला को एचआईवी मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित
शिवहर, 22 मार्च
स्थानीय सरोजा सीताराम अस्पताल में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सोमवार को मासिक समीक्षात्मक बैठक की गई। जिसमें केयर की टीम, एचआईवी एड्स के प्रभारी, सभी पीएचसी से आये प्रतिनिधि आदि शामिल हुए। जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जियाउद्दीन जावेद ने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देशित किया कि गर्भवती महिला की एचआईवी सिथिलिश जांच करना अनिवार्य है। कहा कि प्रखंड स्तर पर गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच करने में तेजी लाएं, ताकि सरकार को रिपोर्ट भेजी जा सके।
जिला को एचआईवी मुक्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित
डॉ. जियाउद्दीन जावेद ने कहा कि जिले को एचआईवी मुक्त रखने के लिए सरकारी लक्ष्य को सकारात्मक रूप देने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की जांच करना अति आवश्यक है। कहा कि सभी वीएचएसएनडी साइट पर शत प्रतिशत गर्भवती महिला का एचआईवी टेस्ट हो। प्रथम तिमाही में शत प्रतिशत गर्भवती महिला का एचआईवी टेस्ट करने से आने वाले बच्चे एचआईवी निगेटिव होंगे।
जन समुदाय में जागरूकता जरूरी
डॉ. जियाउद्दीन जावेद ने कहा कि एचआईवी की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के लिए जन समुदाय में जागरूकता लानी होगी। उन्होंने कहा कि एचआईवी पीड़ितों के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करें, बल्कि उनके साथ अच्छा व्यवहार करें। हरसंभव उनकी सहायता करें। प्रत्येक व्यक्ति यह ध्यान रखें कि एड्स पीड़ित भी इंसान ही हैं। उन्हें भी समाज में जीने का पूरा अधिकार है। उन्हें इस तरह स्नेह व प्यार दें कि वे समाज में खुद को अकेला महसूस नहीं करें।
लक्षण दिखे तो अस्पताल जाने की सलाह दें
केयर की डीटीएल पल्लवी बोस ने बताया कि आसपास के किसी व्यक्ति में अगर एड्स का लक्षण दिखे तो उसे तुरंत अस्पताल जाने की सलाह दें, क्योंकि सभी लोगों के प्रयास से ही एड्स पर नियंत्रण संभव है। एड्स भले ही लाइलाज है, मगर उचित देखभाल, खान-पान व रहन-सहन के बल पर लंबी उम्र तक बचा जा सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर कर देता है
एचआईवी वायरस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। एडस एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। एचआईवी एड्स का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने, बिना उबली सुई या इस्तेमाल की गई सुई का प्रयोग करने, संक्रमित मां से उसके बच्चे को हो सकता है।