बिजली के आंख मिचौली से बच्चे लालटेन की रोशनी में पढने को मजबूर।/ रिपोर्ट अमरेश कुमार
1 min readबिजली के आंख मिचौली से बच्चे लालटेन की रोशनी में पढने को मजबूर।।
रिपोर्ट अमरेश कुमार।।
महुआ प्रखंड क्षेत्र में हो रही अघोषित बिजली कटौती बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों की तैयारी में खलल डाल रही है। आलम यह है कि गांवों में रहने वाले बच्चे लालटेन की रोशनी में परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इसके कारण न केवल उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि विद्यार्थी समय पर सम्बंधित विषयों की तैयारी पूरी नहीं कर पा रहे हैं। यह समस्या किसी एक गाँव की नहीं है बल्कि दो दर्जन से अधिक गांवों में बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में वर्षों पुरानी विद्युत लाइन हो चुकी है। हल्की आंधी – तूफान में भी तार टूट जाते हैं या फिर इनमें अन्य कोई खराबी आ जाती है , जिसके कारण कभी भी बिजली गुल हो जाती है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने इन जर्जर हो चुके तारों को बदलकर नई लाइन का विस्तार किए जाने की मांग की थी , लेकिन बिजली वितरण कम्पनी के अधिकारियों ने इसे गम्भीरता से नहीं लिया और समस्या जस की तस-बनी हुई है। इन दिनों सबसे ज्यादा परेशान विद्यार्थी वर्ग को होना पड़ रहा है। जो वर्ष भर मेहनत करने के बाद अंतिम समय में तैयारी कर सही ढंग से पर्चा हल नहीं कर पा रहे हैं। बिजली कटौती बंद किए जाने की मांग रूसुलपुर मोवारक पंचायत के संत गणेश राय, सुरज राय, राजद नेता पारस नाथ राय, आलोक भंडारी, भावी समीति प्रत्याशी रेखा चन्द्रवंशी, वार्ड सदस्य प्रत्याशी सुवोध यादव, रविन्द्र राय शिक्षक सहित अन्य ग्रामीणों ने बिजली कटौती बंद किए जाने की मांग की है।
दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित ——-
अघोषित बिजली कटौती से क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हो रहे हैं! इन दिनों सबसे ज्यादा स्कूली छात्र -छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । बिजली कटौती महुआ बजार के अलावा चक्मजाहिद , सिंघाड़ा, रूसुलपुर मोवारक, नीलकंठ पुर ,डगरू, मिर्जानगर आदि गांवों में हो रही है। इन गांवों के बाशिंदों का कहना है कि बिजली वितरण द्वारा बिजली आपूर्ति तो की जाती है , लेकिन बिजली कब गुल हो जाए , यह कहा नहीं जा सकता है। यदि बिजली गुल हो जाए तो उसके बहाल होने का समय भी नियत नहीं होता है। इसके कारण सभी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।