आंगनवाड़ी केन्द्रों में मनाया गया अन्नप्राशन दिवस, 6 माह से ऊपर के बच्चों को दिया गया अनुपूरक आहार, एक बार में सिर्फ एक आहार ही दें। /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
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एक बार में सिर्फ एक आहार ही दें। /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
वैशाली। 19 अगस्त
जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुरुवार को अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इस दिवस के मौके पर केन्द्रों के पोषक क्षेत्र के अंतर्गत छह माह तक के सभी नवजातों की मुंहजूठी करायी गयी। वहीं उन्हें उपरी आहार देने की सलाह दी गयी। जिले के चेहराकला, वैशाली ब्लॉक , राघोपुर ग्रामीण, हाजीपुर ग्रामीण सहित कर्णपूरा पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या एक पर भी इसका आयोजन हुआ। पोषक क्षेत्र की लाभुक के नवजात बच्चे का मुंहजूठी कराकर इसकी शुरूआत की गयी। इसके तहत नवजात बच्चों को उपरी आहार देने की शुरूआत की गयी। डीपीओ ललिता कुमारी ने कहा कि बच्चे के जन्म से छह माह तक सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए। छह माह पूरा होने पर ही मां के दूध के साथ-साथ उपरी आहार देना चाहिए। इस कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है। अन्नप्राशन के माध्यम से महिलाओं को विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी गयी।
ऊपरी आहार की शुरूआत
डीपीएम ललिता कुमारी ने कहा कि एक बार में सिर्फ एक आहार शुरू करें। दूसरा आहार शुरू करने से पहले 3-4 दिन तक इंतजार करें ताकि यह पता चल सके कि बच्चे को किसी चीज से एलर्जी तो नहीं है। पके हुए केले से ऊपरी आहार देने की शुरूआत कर सकते हैं। एक केले के छोटे-छोटे टुकड़े करके चम्मच या कांटे से मसलकर शिशु को दें। केले की जगह सेब भी खिला सकते हैं या एक बार केला और एक बार सेब दे सकते हैं। सेब को छीलकर उसके छोटे-छोटे टुकडे कर लें। इन टुकड़ों को उबालकर चम्मच या कांटे से मसल लें। अन्य फल पपीता, चीकू और नाशपाती उबालकर या मसलकर भी दे सकते हैं। अन्य आहार में चावल से बनी चीजें सबसे अच्छी होती हैं। ज्यादा पानी में उबले हुए चावलों को मसलकर दूध में मिलाकर दे सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, कद्दू, लौकी, आलू, फलियां, मटर और चुकंदर आदि भी दे सकते हैं। शुरू में यह एक-दो चम्मच ही खिलाएं और फिर धीरे-धीरे ही मात्रा बढ़ाएं क्योंकि शिशु सब्जियों को पूरी तरह पचा नहीं पाते। कच्ची सब्जियां एक वर्ष की उम्र के बाद ही खिलानी चाहिए।