कोविड की दूसरी डोज लेकर रेशमा का बढ़ा आत्मविश्वास टीके का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है,कोविड के दोनों डोज हैं बेहद जरुरी/रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readकोविड की दूसरी डोज लेकर रेशमा का बढ़ा आत्मविश्वास
टीके का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है,कोविड के दोनों डोज हैं बेहद जरुरी/रिपोर्ट नसीम रब्बानी
मुजफ्फरपुर, 19 अगस्त।
कोविड से निपटने के लिए टीकाकरण एक बेहतर विकल्प है। यह न सिर्फ हमें कोविड से सुरक्षा देता है बल्कि हमारे शरीर में एक बेहतर इम्यून सिस्टम भी पैदा करता है। मैंने इसके दोनो डोज पूरे कर लिए हैं। मुझे दोनों ही डोजों में कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं हुआ। मेरे परिवार वालों मे किसी को भी टीका का बुरा प्रभाव नहीं हुआ। देश के दोनों वैक्सीनो पर मुझे पुरा भरोसा था। देश में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों को जब से टीकाकृत किया जा रहा था, उस वक्त से ही मेरी भी इच्छा थी कि मैं इस अभियान का हिस्सा बनूं। ये बातें कोविड के दोनों डोज ले चुकी संजय सिनेमा रोड निवासी रेशमा ठाकुर कह रही थी। रेशमा ने कहा कि उन्होंने टीका का पहला डोज मई में ही ले लिया था।
मां से मिली प्रेरणा
अब मेरे परिवार में सभी लोग वैक्सीनेटेड हैं, हांलाकि इसकी शुरुआत मेरी मां ने की । उनकी उम्र 60 से ऊपर है। वहीं वह हाइपरटेंशन की मरीज भी हैं। लेकिन उन्होंने सभी भ्रम को दरकिनार करते हुए टीका लेने की शुरुआत की और हम सभी को रोजाना टीका लेने को कहती। 18 प्लस के टीकाकरण की शुरुआत होते ही मैंने टीका ले लिया। इसी बीच मेरे पापा कोविड संक्रमित हो गए। जिसके कारण उन्हें उस वक्त नहीं टीकाकृत करवा पायी। लेकिन जब मैंने कोविड का दूसरा डोज लिया तब उन्होंने खुद आगे आकर टीका का प्रथम डोज ले लिया।
दूसरा डोज अवश्य लें
रेशमा कहती है कि टीका से उनमें आत्मविश्वास आया है, पर अभी भी कुछ सावधानियां जैसे मास्क, सोशल डिस्टेसिंग और हैंड वॉश के नियमों का पालन जरुर करना चाहिए। अभी भी कितने लोग हैं जिन्होंने कोविड का दूसरा डोज नहीं लिया है, पर मेरी लोगों से अपील है दूसरा डोज अवश्य लें। कोविड का टीका तभी पूर्ण प्रभावी होगा जब आप इसका दूसरा डोज लेगें। मैं अपने आस-पड़ोस, दोस्तों और कलिग्स को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित करती हूं।