डॉ जगन्नाथ मिश्र की पुण्यतिथि मनाई गई।/रिपोर्ट नसीम रब्बानी
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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जगन्नाथ मिश्र की दूसरी पुण्यतिथि पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने उनके तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा से याद किया।स्थानीय दिग्घी खुर्द के आर्यन पब्लिक स्कूल में उनके “व्यक्तित्व व कृतित्व” विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता इंजीनियर उमाशंकर प्रसाद ने किया जबकि संचालन उमेश कुमार निराला ने किया। परिचर्चा को संबोधित करते हुए इंजीनियर उमाशंकर प्रसाद ने कहा कि स्वर्गीय डॉ जगन्नाथ मिश्र का जीवन सदैव मानवाधिकार के लिए समर्पित रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में और समाज के उत्थान में डॉक्टर मिश्र द्वारा किए गए कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस अवसर पर अपने संचालन के क्रम में उमेश कुमार निराला ने कहा कि वे बहुआयामी व्यक्तित्व से जुड़े रहे हैं।वे एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार थे। एक सर्वोदय कार्यकर्ता के रूप में अपने सामाजिक जीवन का प्रारंभ कर इन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में मानिक स्थापित किया है। सुविख्यात अर्थशास्त्री ,सुप्रसिद्ध विश्वविद्यालय शिक्षक, मौलिक शोधकर्ता, शोध निदेशक, कई ग्रंथों के ख्याति प्राप्त लेखक, समर्पित समाजसेवी ,अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं के संस्थापक से लेकर एक मानवतावादी प्रशासक के रूप में इनका समग्र जीवन आदर्श एवं प्रेरणादायक रहा है । उन्हीं की प्रेरणा से आज हम सभी कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं । इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कृष्ण किशोर कमल ने कहा कि बिहार के समग्र विकास में डॉ जगन्नाथ मिश्र की योगदान को भुलाया नहीं जा सकता । हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ते रहने की जरूरत है। बिहार के हितों के लिए संघर्ष करने वाले नेता के रूप में ख्याति प्राप्त हैं । उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय गरीबों के लिए दिया है। इस अवसर पर कुमारी रेणु ने कहा कि हम सबों को एकजुट होकर उनके द्वारा बनाई गई संस्था मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के लिए कार्य करने की जरूरत है । उन्होंने अपने जीवन को एक दार्शनिक व अर्थशास्त्री के रूप में व्यतीत किया है। उपस्थित वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने और राज्य के विकास के लिए उनके किए गए कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। डॉ जगन्नाथ मिश्र ने बिहार के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ उत्तर शिक्षा को भी बेहतर आयाम दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया । वही स्कूल कालेज को सरकारी मान्यता देकर बहुत बड़ा काम किया था । अपने वक्तव्य में श्री अशोक शुक्ला ने कहा कि इनका जीवन सरल और हमेशा से दूसरों के लिए समर्पित रहा है । अंत में 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया । श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में इंजीनियर उमाशंकर प्रसाद, उमेश कुमार निराला, अशोक कुमार शुक्ला, कुमारी रेणु, कृष्ण किशोर कमल, गोरखनाथ राय, राजीव कुमार सिंह उर्फ गोल्टु, उमेश तिवारी, रागिनी भारती ,अनमोल एवं आकृति प्रमुख थे।