March 18, 2021

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कोरोना टीकाकरण व जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश – प्रभारी जिलाधिकारी ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने का निर्देश दिया

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कोरोना टीकाकरण व जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश

– प्रभारी जिलाधिकारी ने सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिग का पालन करने का निर्देश दिया

मोतिहारी, 18 मार्च| उप विकास आयुक्त सह प्रभारी जिलाधिकारी कमलेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर विस्तृत समीक्षा की गई। वीसी में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया कि बाहर से आने वाले यात्रियों विशेषकर महाराष्ट्र, केरल एवं पंजाब राज्य से आने वाले से अनिवार्य रूप से कोविड-19 निगेटिव प्रमाण पत्र ली जाए। यदि कोई यात्री कोविड-19 का प्रमाण पत्र साथ लेकर नहीं आता है, तो उनकी जांच आरटीपीसीआर के माध्यम से तत्काल करायी जाए। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर निगरानी करने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 का संक्रमण कुछ राज्यों में तेजी से फैल रहा है। इसके मद्देनजर जिले वासियों को सचेत और सावधान रहना होगा। डरने की जरूरत नहीं लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।

मास्क चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश
प्रभारी जिलाधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि कोविड-19 से बचने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर एवं यातायात के साधनों में सोशल डिस्टेंस तथा मास्क का प्रयोग आवश्यक है। इसको सख्ती से लागू किया जाएगा। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिए कि भीड़ वाले स्थानों पर मास्क चेकिंग अभियान चलाना सुनिश्चित करें। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा की टेस्ट की संख्या लक्ष्य के अनुरूप बढ़ाया जाए।

एईएस/जेई (चमकी बुखार) पर भी समीक्षा
उन्होंने एईएस/जेई (चमकी बुखार) से निपटने को लेकर भी आवश्यक कदम उठाने हेतु निदेश दिया। जेई एवम एईएस से निपटने को लेकर अब तक कि तैयारियों की भी समीक्षा की या। समीक्षा के क्रम निर्देश दिया कि जिस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एइएस/जेई वार्ड संचालित नहीं है, वहां पर संचालित किया जाए तथा एक डॉक्टर को इसके लिए प्रतिनियुक्त किया जाए। सभी अस्पतालों में दवा होनी चाहिए। यदि दवा नहीं है तो अभिलंब क्रय कर स्टॉक में रखा जाए। बचाव के लिए चौपाल एवं अन्य माध्यम से जनहित में प्रचार प्रसार किया जाए, ताकि लोगों को इस बीमारी से बचाया जा सके।

गुणवत्ता के साथ कराएं प्रशिक्षण
जिलाधिकारी ने कहा कि चमकी बुखार को लेकर चल रहे प्रशिक्षण को पूरी गुणवत्ता के साथ करवाएं । इससे आशा, आंगनबाड़ी, जीविका आदि का उन्मुखीकरण किया जा सकेगा। निर्देश दिया कि एईएस/जेई के सभी आवश्यक दवा एवं उपकरण की उपलब्धता सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर हाल में कर लें। चिकित्सा पदाधिकारी एवं एएनएम का रोस्टर बना लें, जो 24 घंटों 7 दिनों क्रियाशील रहेंगे। उन्होंने कहा की सभी संबधित विभाग आपस में पूरी तरह से समन्वय बनाकर कार्य करेंगे ।

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