पटना बाइपास पहाड़ी मोड़ एक तरफ जाम तो दूसरी ओर ट्रैफिक पदाधिकारी कर रहे हैं आराम
1 min readपटना बाइपास पहाड़ी मोड़ एक तरफ जाम तो दूसरी ओर ट्रैफिक पदाधिकारी कर रहे हैं आराम
सनोवर खान / मनोज कुमार सिंह
कब तक मिलेगी पटना बाईपास को जाम से मुक्ति।
पटना यातायात पुलिस द्वारा लाख कोशिश के बावजूद जाम से मुक्ति नहीं मिल रही है लोगों का फालतू में अपना कीमती समय रोज बर्बाद हो रहा है चाह कर भी सरकार कुछ नहीं कर पा रही है। इसका खास वजह ओवरलोड, ओवर टेक और ओवर स्पीड है। इस को नियंत्रण करने वाला पदाधिकारी जब अपने केबिन में बैठकर आराम फरमाएंगे मोबाइल चलाएंगे जवानों पर नियंत्रण नहीं रख पाएंगे, समय पर ना ड्यूटी आएंगे ना जाएंगे तो कैसे मिलेगी जाम से निजात। इस सच्चाई का पता लगाने के लिए जब हमारे रिपोर्टर सड़क पर निकले तो कोई भी जवान या अधिकारी अपनी जिम्मेवारी लेने के लिए तैयार नहीं था कोई सरकार को दोष दे रहा था तो कोई वाहन चालक को। लेकिन जब सच्चाई से रूबरू कराया गया तो उनके होश ठिकाने लग गए उन्होंने माना कि आपस में तालमेल नहीं होने के कारण हम लोग कार्रवाई करने में हिचकते हैं। यही कारण है की आला अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई नहीं करने से असंतोष पैदा होता है और जाम से पटना को छुटकारा नहीं मिल रहा है। जरूरत है सघन जांच पड़ताल करके ढाबा दल बनाकर हर पोस्ट की निगरानी की जाए कौन अधिकारी जवान समय पर आते हैं या नहीं आते हैं तो उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है लेट लतीफ आने वाले चाहे वह अधिकारी हो या जवान उनके ऊपर कब होगी कार्रवाई ताकि जाम का जाम समाप्त हो, लोगों का अपना कीमती समय बर्बाद नहीं हो अब गर्मी का दिन आ गया है सड़क पर भूखे प्यासे स्कूल बस सवारी गाड़ियां बिलखते रहती हैं जिसका ख्याल हम सभी को करना चाहिए नहीं तो पटना में बढ़ते अतिक्रमण और जाम से लोग परेशान होकर अपना स्वास्थ्य एवं धन दोनों खो रहे हैं। अब आवश्यकता इस बात की है यातायात से जुड़े सभी पदाधिकारी स्वता संज्ञान लेकर इसको सुधारने की दिशा में कार्रवाई करें। जब बिहार सरकार में कोई पदाधिकारी या लिपिक समय पर नहीं आते हैं तो उनसे स्पष्टीकरण पूछ कर आगे की कार्रवाई की जाती है लेकिन ट्रैफिक में समय से पहले चले जाना समय से लेट करके आना फिर उसके बाद में हाजिरी बना लेना और कोई करवाई नहीं होना यह कहां तक उचित होगा। पटना का पहाड़ी मोड़ जो कि पटना सिटी का दरवाजा कहा जाता है आजकल जाम से कराह रहा है। इस चेक पोस्ट के पास उल्टे उल्टे तरीके से वाहन चलते हैं। यहां के पदाधिकारी वाहन चालक पर कार्रवाई करने से हिचकते हैं क्योंकि उनकी लोकल वाले के साथ मिलीभगत रहती है उनके अंदर डर बना रहता है ई चालान काटने पर हंगामा न खड़ा हो जाए इसलिए वे अवैध वसूली का भी रास्ता अपना लेते हैं हालांकि लोकल फॉर भोकल वाले लोग जुर्माना देने में आनाकानी करते हैं। एक बात और आपको बता दें कि जैसे ही किसी भी ट्रैफिक पोस्ट पर कोई अधिकारी वाहन को पकड़ते हैं तो तुरंत उनको मोबाइल पर बात करने के लिए कहा जाता है पता नहीं कौन-कौन नंबर से उनके पास फोन आने लगते हैं तो हार थक कर अधिकारी वाहन को छोड़ देते हैं या कम कीमत का चालान काट देते हैं। लेकिन पूर्ण रूप से यह बात सत्य नहीं है क्योंकि पटना में बहुत कड़क अधिकारी हैं जो किसी की भी नहीं सुनते हैं और नियम पूर्वक अपना कार्य करते हैं। इसी कड़ी में भट्टाचार्य मोड़ पर एग्जीबिशन रोड में एक इंस्पेक्टर रैंक के महिला पदाधिकारी को चालान काटते देखा गया जो काफी कड़क मिजाज की हैं और यातायात चलाने के लिए जो भी नियम है उसका पालन सही ढंग से होता है।