एनीमिया, गर्भवती और नवजात शिशु की देखभाल के लिए सीडीपीओ को मिला प्रशिक्षण – मॉड्युल 19 , 20 एवं 21 पर हुआ प्रशिक्षण
1 min readएनीमिया, गर्भवती और नवजात शिशु की देखभाल के लिए सीडीपीओ को मिला प्रशिक्षण
– मॉड्युल 19 , 20 एवं 21 पर हुआ प्रशिक्षण
वैशाली, 17 मार्च | जिला समाहारणालय में बुधवार को सीडीपीओ को दिए जा रहे दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हो गया। इस प्रशिक्षण का मकसद पोषण अभियान के अंतर्गत आईसीडीएस सेवाओं का सुद्ढीकरण करना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी तथा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिया गया। वहीं बुधवार को जिला समन्वयक ,एनएनएम तथा जिला परियोजना सहायक के साथ जिला प्रबंधक केयर को भी प्रशिक्षित किया गया। इस संबंध में डीपीओ माला कुमारी ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से सभी को जानकारी तो मिलेगी ही साथ ही सही समय पर योजनाओं का क्रियान्वयन भी हो पाएगा। प्रशिक्षण डीपीओ माला कुमारी और सहदेई की सीडीपीओ रश्मि कुमारी द्वारा दी गयी।
मॉड्युल 19,20 और 21 का हुआ प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के मॉड्युल 19 में बच्चों और किशोरियों में खून की कमी या एनीमिया की रोकथाम। मॉड्युल 20 में प्रसव पूर्व तैयारी अस्पताल और घर पर होने वाले प्रसव के लिए तैयारी तथा मॉड्युल 21 में गर्भावस्था के दौरान तैयारी एवं नवजात शिशु की देखभाल और परिवार नियोजन की को लेकर विस्तार से चर्चा की गयी। चर्चा के बाद मॉड्युल में दी गई प्रश्नोत्तरी पर भी प्रशिक्षुकों से बात की गयी।
गर्भवतियों और नवजातों के विकास फर फोकस करेगा यह प्रशिक्षण
आईसीडीएस डीपीओ माला कुमारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण से जिले में गर्भवतियों और नवजातों शिशुओं के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति में सुधार होगा। वहीं किशोर तथा बच्चों में एनीमिया की रोकथाम की जा सकेगी। वहीं प्रसव के बाद परिवार नियोजन के मसलों पर भी लोगों के बीच जागरुकता लायी जाएगी। महिलाओं को प्रसव के समय की जटिलताओ और नवजात शिशुओं के जन्म के समय देखभाल के लिए बेहतर प्रयास हो सकेंगे । मौके पर डीपीओ माला कुमारी , सहदेई की सीडीपीओ रश्मि कुमारी, केयर के फैमिली प्लानिंग कोओर्डिनेटर मनोज कुमार सहित अन्य सीडीपीओ शामिल थी।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
– एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
– सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
– अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
– आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
– छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।