हजारों नम आंखों के साथ नेक खातून अजीमुन निसा सुपुर्द-ए-खाक ।
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हजारों नम आंखों के साथ नेक खातून अजीमुन निसा सुपुर्द-ए-खाक ।
अहमद अशफाक करीम, एम. जसीम उल हक, तौकीर सैफी, मुखिया मुन्ना,डॉ. एम. रहमान, तनवीर फतेहपुरी,डॉ. फिरोज, डॉ. नईम समेत सैकड़ों शख्सियतों ने हिस्सा लिया।
वैशाली: चेहरा कलां ब्लॉक के प्रसिद्ध खानकाह शमशिया चक औलिया वैशाली के संस्थापक, शेख अल हदीस जामे रहमानी मुंगेर हजरत मौलाना सैयद मुहम्मद शमसुलहक रहमतुल्लाह तआला अलैहि की बहू और हजरत मौलाना सैयद मजाहिर आलम मजाहिरी जेब सज्जादा खानकाह शमशीया चक औलिया के धर्मपत्नी अजीमुन निसा जो एक महान नैतिकता और ईमानदारी वाली महिला थीं, जिन्होंने 17 मार्च 2025 को थोड़ी सी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई जिनकी अंतिम संस्कार 18 मार्च 2025 को दिन के 10 बजे अबाई गांव में हजारों लोगों की संख्या में उनके पति ने नमाजे जनाजा पढ़ाई उन्होंने कहा कि मृतक शुद्ध स्वभाव, नैतिकता और ईमानदारी के व्यक्ति थे, मैं व्यक्तिगत जीवन की 60 वर्षों की यात्रा का गवाह हूं झूठ , धोखा , से कोसों दूर और सामूहिक रूप से घर में कभी नाराजगी नहीं देखी और घर की सभी बहुएँ उन्हें बड़ी बहन का दर्जा देती थीं और सभी बहुएँ और भाई उनके फैसले को सबसे पहले स्वीकार करते थे। यही कारण से सब ने इज्जत दी । जनाजे में विशेष रूप से पूर्व सांसद अहमद अशफाक करीम , 2025 महुआ विधानसभा प्रत्याशी एम जसीमुल हक, हजरत मौलाना अबुल खैर जिब्रील, मौलाना अब्दुल कय्यूम शम्शी, मुस्तफा बाबू चैनपुर, मास्टर अमीरुल हक, मास्टर जमाल अख्तर, मास्टर इजहारुल हक,मास्टर अब्दुल कादिर बिहारी , मुन्ना मुखिया, लडडू भाई शाहपुर जुनैद, हाजी फहीम, नियाज अहमद मुंशी, राजद युवा नेता तौसीफ रजा, मौलाना एजाज करीम, मौलाना कमर आलम नदवी, मौलाना फारूक, डॉ. एम रहमान चेहरा ब्रिलियंट स्कूल, तनवीर अहमद फतहपुरी, कामरान फतहपुरी, डॉ. आफताब चैनपुर, मुहम्मद शमश आजम मशरोलिया, मास्टर मुहम्मद फिरोज, मास्टर मुहम्मद इस्लाम, मास्टर सैफुल्लाह नासिर, मास्टर फजलुर रहमान, मुनु भाई , हाजी शमशुल हक, मुहम्मद अख्तर इदरीसी। , मास्टर अब्दुल गफ्फार, मौलाना इमामुद्दीन नदवी, उमर फारूक नदवी, हाफिज नूर आलम, हाफिज अफरूज, दामाद शादाब, रजी अहमद किनारो, शमशेर गोरिहार, मुहम्मद कैस महुआ, हाफिज तौकीर सैफी, भाई मौलाना खुर्शीद अहमद, महबूब आलम, मुहम्मद तनवीर आलम, मौलाना नजीर आलम नदवी, मौलाना अनवर रहमानी, मुहम्मद असलम कमालपुर, लाडडू हसन, भतीजा जफर आलम, मुहम्मद आमिर, महमूद आलम जावेद अख्तर, अली शमशी, वली. शमशी, मुर्शिद आजम के पोते, सालिक आजम, भतीजे खालिद आजम, नूरुल हक, महमूद आजम, कवि और पत्रकार इजाज आदिल शाह, पूरी चेहरा कलां, आदि। मृतक अपने पति के साथ पीछे चार बेटे, एक बेटी और कई पोते , नाती, नतनी से हरा भरा घर छोड़े।