पूर्णाहुति के मौके पर श्रद्धालुओं ने संत के साथ खेले होली भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी की शादी पर मंगलगान से गूंज उठा महुआ का फुलवरिया गांव, भगवान की शादी के मौके पर खुशी में नाचे लोग
रिपोर्ट :रेणु सिंह, महुआ वैशाली
प्रखंड की फुलवरिया पश्चिम काली स्थान पर चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का गुरुवार को देवी देवताओं के जयघोष के बीच पूर्णाहुति की गई। इस मौके पर यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
वही कथा में श्रद्धालुओं ने संत के साथ जमकर फूलों की होली खेली। यहां यज्ञाचार्य संतोष मिश्रा, नीरज मिश्रा, धनंजय पाठक, पुष्पम दुबे, राजीव मिश्रा, रितु रंजन पांडे, रिशु मिश्रा ने वैदिक मंत्रों के बीच विधि विधान के साथ यज्ञ को संपन्न कराया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने हवन कर अपने अंदर छुपे दुर्गुणों को त्यागने का संकल्प लिया और यथासंभव दान दिए। महिला श्रद्धालुओं में तो श्रद्धा भक्ति के साथ आस्था सिर चढ़कर बोली। यज्ञ में राजेश सिंह, अजय राय, विकी, शशि भूषण, मनोज सिंह, मिंटू, अरुण आदि संपूर्ण ग्रामीणों ने सहयोगात्मक भूमिका निभाई। इसमें महिलाओं ने भी अपनी सहभागिता दी।
गाजे बाजे के बीच हुई श्रीकृष्ण और रुक्मिणी की शादी: श्रीमद् भागवत कथा में छोटे बापू जी महाराज ने श्रद्धालुओं को मानव जीवन में कर्मों का पाठ पढ़ाया। वही झांकी पूर्वक भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी की शादी कराया गया। जिसमें भगवान श्री कृष्ण की बारात गाजे बाजे के साथ निकली। जिसमें महिला, पुरुष, बच्चे सभी श्रद्धालु खुशी में नाचते गाते और झूमते रहे। जिससे विहंगम दृश्य उभरा। इस समारोह में श्रद्धालुओं के साथ संत भी खुशी में झूम उठे। कथावाचक छोटे बापू जी महाराज ने कहा कि प्रेम का बंधन शादी है। भगवान के शादी के मौके पर श्रद्धालुओं ने उनकी खोइंछा भरे और छोटे बापूजी महाराज के साथ आए संतों और श्रद्धालुओं ने मंगलगीत गाकर स्थल को भावमय बना दिया। भगवान श्रीकृष्ण के साथ गोपी प्रेम की भी उन्होंने विस्तार से चर्चा करते हुए श्रद्धालुओं को भगवान श्री कृष्ण की लीला से अवगत कराया। भगवान को भक्त वत्सल होना बताते हुए कहा कि भगवान भक्तों के बस में होते हैं। श्रद्धालुओं से विशेष दान में क्रोध, ईर्ष्या, धूम्रपान आदि अवगुणों को दूर करने का संकल्प लिया।