अनुमंडलीय अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रशिक्षण का आयोजन /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readअनुमंडलीय अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रशिक्षण का आयोजन /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– केयर इंडिया द्वारा ब्लड ट्रांसफ्यूजन के समय की सावधानियाँ बताई गई
मोतिहारी 16 जुलाई।
शुक्रवार को अनुमंडलीय अस्पताल ढाका में नर्सो के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन से संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें अनुमंडलीय अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एन के साह, डिस्ट्रिक ऑफिसर फैसलिटी केयर इंडिया, आयुषी राणा, ने रक्तधान के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए सावधानी बरतने के साथ कई तौर तरीकों को बताया। उन्होंने बताया कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन रक्त-आधारित उत्पादों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के परिसंचरण तंत्र में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है। कुछ स्थितियों में, जैसे कि चोट लगने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव होने पर, ब्लड ट्रांसफ्यूजन जीवन-रक्षी हो सकता है, या शल्य-चिकित्सा के दौरान होने वाले रक्त की हानि की आपूर्ति करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। ब्लड ट्रांसफ्यूजन का उपयोग रक्त संबंधी बीमारी के द्वारा उत्पन्न गंभीर रक्तहीनता या बिम्बाणु-अल्पता (रक्त में प्लेटलेटों की संख्या में कमी) का उपचार करने के लिए भी किया जा सकता है। अधिरक्तस्राव (हीमोफ़ीलिया) या अर्द्धचन्द्राकार लाल रक्तकोशिका संबंधी बीमारी से प्रभावित व्यक्ति के लिए बहुधा ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता हो सकती है। प्रारंभिक रक्ताधानों में संपूर्ण रक्त का उपयोग होता था, लेकिन आधुनिक चिकित्सा प्रणाली आम तौर पर केवल रक्त के अवयवों का उपयोग करती है।
बोलचाल की भाषा में इसे खून चढ़ाना कहा जाता है-
केयर इंडिया की आयुषी राणा ने बताया कि – ब्लड ट्रांसफ्यूजन को रक्ताधान कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे खून चढ़ाना कहा जाता है। रक्त दान से प्राप्त लाल रक्त कोशिकाओं, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा को किसी व्यक्ति के शरीर में चढ़ाने की प्रक्रिया को ही ब्लड ट्रांसफ्यूजन या रक्ताधान कहा जाता है।
ट्रॉमा, खून बहने का विकार या ऑपरेशन के कारण खून अधिक बह जाना इत्यादि परेशानियों के लिए खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। खून चढ़ाने की जरूरत तब भी पड़ती है जब शरीर खुद किसी कारण से आवश्यकता के अनुसार प्रयाप्त रक्त या रक्त के अन्य घटक बनाने में सक्षम नहीं होता है। खून चढ़ाने के लिए आमतौर पर खून दान करने वाले स्वैच्छिक रक्तदाताओं से एकत्रित किया जाता है। दान किए गये खून की गहन जाँच होती है, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण वाले खून को न चढ़ाया जा सके।
आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12 का प्रतिदिन उपभोग आपके शरीर में खून के स्तर को ठीक बनाए रखने में मदत करता है। साथ ही साथ विटामिन सी का प्रयोग आयरन के अवशोषण में सहायक होता है। आइए जानते हैं कि हम अपने भोजन में इन पोषक तत्वों का प्रयोग कैसे करें।
– आयरन से भरपूर भोजन जरूरी :
संतुलित आहार द्वारा शरीर में खून /हीमोग्लोबिन का कमी को पूरा किया जा सकता है। आयरन से भरपूर भोजन इस स्थिति को नियंत्रित करने में सहायता करता है। ताजे फलों,आँवले, अनार, चुकुन्दर का भोजन में प्रयोग कर आयरन की कमी को पूरा कर सकते है।
मौके पर सरिता कुमारी, प्रखंड स्वास्थ प्रबंधक, संजय कुमार,प्रखंड प्रबंधक केयर इंडिया, राजन कुमार, चिकित्सा पदाधिकारी, सोहेल अख्तर, असगर अली, रवि कुमार, रौशन कुमार, और जीएनएम उपस्थित थे l