मोतिहारी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबन में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मेला का आयोजन / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
मोतिहारी : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबन में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मेला का आयोजन / रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– विधायक सह पूर्व सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने किया शुभारंभ
मोतिहारी 14 जुलाई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मधुबन में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा को लेकर परिवार नियोजन मेला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय विधायक सह पूर्व सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि क 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर हम लोगों ने यह तय किया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से परिवार नियोजन के लिए जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में संसाधन सीमित है लेकिन ,जनसंख्या बड़ी तेजी से बढ़ती जा रही है। इसके लिए शिक्षा व चिकित्सकीय संसाधनों के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। काफी हद तक क्षेत्र में स्वास्थ्य कर्मियों की जागरूकता का ही प्रतिफल है कि जनसंख्या कुछ हद तक नियंत्रित हो रही है। सबके लिए शिक्षा सबके लिए स्वास्थ्य जरूरी है। इस दौरान उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं एवं केयर इंडिया के स्वास्थ्य कर्मियों को परिवार नियोजन कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने के लिए धन्यवाद भी दिया।
– परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता जरूरी :
प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार ने बताया परिवार नियोजन का अर्थ है यह तय करना कि आपके कितने बच्चे हों और कब हों ? अगर आप बच्चे पैदा करने के लिए थोड़ी प्रतीक्षा करना चाहते हैं तो अनेक उपलब्ध साधनों में से कोई एक साधन चुन सकते हैं। इन्हीं साधनों को परिवार नियोजन के साधन, बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के साधन या गर्भ निरोधक साधन कहते हैं।कम एवं अधिक उम्र में गर्भधारण, प्रसव, तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण महिलाए मृत्यु की शिकार हो जाती हैं । इनमें अनके मौतों को परिवार नियोजन के द्वारा रोका जा सकता है।
– परिवार नियोजन गर्भ धारण के खतरों की रोकथाम कर सकता है :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ इंद्रजीत कुमार, ने बताया 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों की प्रसव के दौरान मृत्यु की संभावना रहती है। क्योंकि उनका शरीर पूरी तरह से विकसित नहीं होता है। उनको पैदा हुए बच्चों का भी पहले वर्ष में ही मृत्यु हो जाने की आशंका अधिक रहती है। गर्भधारण से अधिक आयु की महिलाओं को ज्यादा खतरा रहता है क्योंकि उन्हें प्राय: अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं । अत्यधिक बच्चे पैदा करने वाली महिला को प्रसव के पश्चात खून बहने व अन्य कारणों से मृत्यु का अधिक जोखिम होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सेविका सहायिकाओं द्वारा महिलाओं को परिवार नियोजन के संसाधनों यथा कॉपर टी, कंडोम के प्रयोगों, गर्भ निरोधक गोलियां, सुई आदि की जानकारियों के साथ महिलाओं को अनचाहे गर्भावस्था से रोक के उपाय की जानकारी देने की आवश्यकता है।
मौके पर प्रखंड प्रमुख लालबाबू पासवान,प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमारी सविता सिन्हा, केअर के प्रखण्ड प्रतिनिधि राहुल रंजन, बीसीएम ब्रज किशोर सिंह,बीएचएम रमेश कुमार, जेडएलपीपी शोभा कुमारी,मनीषा कुमारी,राखी कुमारी, फिरोज अहमद, सरोज कुमार ,आइसीटी कुणाल कुमार,एएनएम, जीएनएम, आशा फैसिलिटेटर,आशा एवं लाभार्थी उपस्थित थे।