साहित्य समाज का दर्पण है: डॉ अनिल सुलभ
1 min readसाहित्य समाज का दर्पण है: डॉ अनिल सुलभ
*साहित्य, समाज के विचारों, प्रवृत्तियों, और कठिनाइयों को दर्शाता है: पद्मश्री डॉ जे के सिंह*
*साहित्य अतीत से प्रेरणा लेता है, वर्तमान को चित्रित करने का कार्य करता है और भविष्य का मार्गदर्शन करता है:शशि भूषण*
हाजीपुर शहर के आर्यण स्कूल ऑफ साइंस में दो दिवसीय भव्य साहित्य उत्सव का आयोजन किया गया था।इस उत्सव के पहले दिन बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष ने उद्घाटन करते हुये कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। वहीं मुख्य अतिथि पूर्व अवर न्यायाधीश श्री गंगा प्रसाद ने भी डॉ सुलभ के बातों का समर्थ करते हुये स्कूल के बच्चों के अंदर छुपी प्रतिभा की सराहना की।विशिष्ट अतिथि मानवाधिकार टुडे पत्रकारिता के संवाहक डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि साहित्य अतीत से प्रेरणा लेता है, वर्तमान को चित्रित करने का कार्य करता है और भविष्य का मार्गदर्शन करता है:शशि भूषण।अन्य विशिष्ट अतिथियो में एस एन एस कॉलेज के प्राचार्य डॉ विधा शंकर सिंह,डॉ सत्येंद्र कुमार एवं विद्यालय के संस्थापक डॉ अशोक कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस महोत्सव में चित्रकला दीर्घा,दृश्य कला प्रदर्शनी,कविता वाचन,स्वरचित कविता,कहानी,विषय विश्लेषण,कथा वाचन,दृश्य प्रस्तुति,पुस्तकालय एवं रंगमंच की व्यवस्था की गई थी। साहित्य उत्सव के दूसरे दिन उद्घाटन करते हुये देश और दुनिया में कैंसर के लिए चर्चित चिकित्सक पद्मश्री डॉ जे के सिंह ने कहा कि साहित्य, समाज के विचारों, प्रवृत्तियों, और कठिनाइयों को दर्शाता है।इस दिन अन्य विशिष्ट अतिथियों में समाजसेवी देव कुमार चौरसिया,अनिल चंद्र कुशवाहा,डॉ शशि भूषण कुमार,डॉ शिव बालक राय प्रभाकर,डॉ संजय विजेत्वर
एवं डॉ नंदेश्वर उपस्थिति थे। इस सारस्वत उत्सव में उपस्थित हुए सभी अभिभावकों,शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्रः छात्राओं के शानदार प्रदर्शन एवं सहयोग के लिए विधालय के निदेशक एवं प्राचार्या ने भूरि-भूरि प्रशंसा किये