बाल विवाह के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत लोगों के बीच कैंडल मार्च जुलुस निकाला गया

हाजीपुर प्रखंड क्षेत्र के दौलतपुर चांदी और अररा पंचायत के महादलित टोले में बाल विवाह के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत लोगों के बीच कैंडल मार्च जुलुस निकाला गया।जुलुस जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन्स कार्यक्रम के तहत स्वर्गीय कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा संस्थान के सचिव सुधीर कुमार शुक्ला के निर्देश पर आयोजित किया गया। इस दौरान कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे अधिकार मित्र संतोष कुमार और अमरेश कुमार ने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई और गैरकानूनी है। भारत में लड़कियों के लिए शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित की गई हैं ।इससे कम उम्र में की गई शादी को बाल विवाह माना जाता है।बाल विवाह करने पर दोषियों को ₹100000 जुर्माना और 2 साल की जेल या दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं।बताया की समाज में फैले बाल विवाह जैसे कुरीतियों को समाप्त करने के लिए संस्थान और सरकारें लगातार प्रयत्नशील है।वहीं संस्थान ने अब तक सैकड़ो बाल विवाह को रोकने में सफलतायें भी प्राप्त की हैं। संस्थान द्वारा विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित कर बाल विवाह के विरुद्ध चलाए जा रहे हैं अभियान की जानकारी लोगों को दे रही हैं ।विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए भारत को वर्ष 2030 तक बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम में लोगों से बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई गई साथ ही बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने की दिशा में सहयोग की अपील की गई।