छठ व्रतियों ने भक्ति भाव से दिया अस्ताचलगामी सूरज को पहला अर्घ्य।
1 min readछठ व्रतियों ने भक्ति भाव से दिया अस्ताचलगामी सूरज को पहला अर्घ्य।
हाजीपुर( वैशाली) जिले के सभी नदियों, तालाबों, निजी जलस्यों में छठ व्रतियों ने भगवान भानु भास्कर के अस्ताचलगामी रूप को प्रथम अर्घ्य देकर छठ व्रत का तीसरा दिन पूरा किया ।बताते चले की छठ व्रत चार दिवसीय महापर्व है ,जो की सनातन में लोक आस्था का महासंगम कहा जाता है। यह पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है। जैसा कि हर कोई जानता है छठ में किसी पंडित या किसी कर्मकांड की आवश्यकता नहीं होती है। यह छठवर्तियों द्वारा पूर्ण निष्ठा पवित्रता के साथ मनाई जाती है। जिला मुख्यालय हाजीपुर में कोनहारा घाट ,सीढ़ी घाट ,कौशल्या घाट, राम चौरा घाट सहित गंगा के तट के तमाम घाटों पर हजारों की संख्या में छठव्रती उपस्थित थे। गांव में विभिन्न तालाबों एवं निजी तलाबो में छठव्रतियों ने छठ व्रत का प्रथम अर्घ्य दिया ।छठ घाटों पर लगभग 2:00 बजे दिन से ही लोगों का आना शुरू हो गया था। शाम 4:00 बजे तक सभी घाट पूरे भर चुके थे ।नए-नए प्रधानों में सजे बच्चे, जवान, बूढ़े ,औरत, मर्द सभी के चेहरे पर अजीब सी मुस्कान बनी हुई थी। परंपरागत ठकुआ, केला ,नारियल l सहित विभिन्न प्रकार के फलों से सजी हुई दौरा माथे पर लिए हुए सभी भक्त गण छठ घाट पर उपस्थित हुए।कही कही बच्चों के मुरन के अवसर पर लौंडा का नाच देखने को मिला। घर से छठ घाट लोगों को दंड वट यात्रा भी करते देखा गया ।इस अवसर पर छठव्रतियों ने कहा कि यही एक बिहारवासियों का महान पर्व है। जिसमें बिहार के लोगों को अपने घर वापस आने के लिए बेसब्री से इंतजार रहता है।अपने गांव में आकर अपने लोगों के बीच छठ मानना ही आनंददायक होता है। वास्तविक में छठ एक महान पर्व है जो की प्रकृति की पूजा के साथ धार्मिक जुड़ाव अपने आप में एक अनूठा परंपरा जो कालांतर से चली आ रही है और आने वाले समय में जारी रहेगा।