एईएस/चमकी से बच्चों के बचाव के लिए जिले में चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
1 min readएईएस/चमकी से बच्चों के बचाव के लिए जिले में चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान /रिपोर्ट नसीम रब्बानी
– चमकी बुखार से बचाव को आदापुर में लग रहा है चौपाल
– स्वच्छता के प्रति जागरूक हो रहे हैं ग्रामीण
मोतिहारी, 12 जुलाई।
बरसात के बीच बढ़ती गर्मी और उमस में एईएस/चमकी की समस्या होती है। चमकी बुखार से जिले वासियों को बचाने के लिए व चमकी को हराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों का सबसे बड़ा हथियार है जागरूकता। केयर इंडिया की टीम जीविकाकर्मियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जगह जगह चौपाल का आयोजन कर रही है। आदापुर, छौड़ादानो, के साथ अन्य क्षेत्रों में बच्चों को चमकी बुखार से बचाने के लिए साफ सफाई के महत्व के साथ साथ बढ़ती गर्मी में कैसे चमकी से बचें इसको लेकर भी जागरूक किया जा रहा है।
चमकी बुखार को लेकर चौपाल का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर अंतर्गत सिरसिया कला पंचायत के शेखवा टोला आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 72 में किया गया। जिसमें कई महिला -पुरुष शामिल हुए। लोगों को चमकी बुखार के लक्षणों की पहचान करने एवं उससे सतर्क रहने की जानकारी दी गई। इसमें चमकी बुखार की पहचान, उपचार व बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी केयर इंडिया के प्रखंड प्रबंधक श्रीनारायण सिंह और वीबीडीएस हरेंद्र बैठा के द्वारा दी गई। अगल बगल में साफ-सफाई, बच्चे को भरपेट खाना खिलाना, रात में गुड़ निश्चित रूप से खिलाना, बच्चे को धूप में जाने से बचाना, जूठा- कच्चा व अद्ध पक्का फल खाने खिलाने से रोकना और लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल ले कर जाने के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही 104 नंबर कॉल सेंटर के बारे में बताया गया।
– स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई जानकारी ही सर्वप्रथम बचाव है:
चौपाल में बताया गया कि स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई जानकारी ही सर्वप्रथम बचाव है तथा चमकी बुखार के लक्षण, बचाव, सावधानियां, एम्बुलेंस के नम्बर के बारे मे विस्तृत चर्चा की गई। स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि बच्चों को रात में खाली पेट ना सुलाएं और किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सीधे सरकारी अस्पतालों में लेकर जाएं । किसी प्रकार की ऐसी परेशानी होने पर देर ना करें । चमकी के लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत इलाज कराएं ।
जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया कि वह अपने आसपास के बच्चों पर ध्यान दें:
चौपाल में उपस्थित जनप्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया कि वह अपने आसपास के बच्चों पर ध्यान दें तथा चौपाल में मिली जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैलाएं । स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि एईएस की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने को लेकर दलित, महादलित टोला में चौपाल लगातार कराने का निर्देश दिया गया है । इस निर्देश के आलोक में सभी आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी , अपने क्षेत्र में सभी लोगों के बीच एईएस व जेई के बारे में लोगों को लगातार जानकारी उपलब्ध करा रही हैं। एईएस से बचाव के लिए महादलित टोलों के साथ जगह जगह स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। माइकिंग की जा रही है। कीटनाशकों का निरंतर छिड़काव किया जा रहा है। बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए सावधान रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। बच्चों को संतुलित भोजन देना चाहिए। स्वस्थ बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।
– सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध :
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश साहनी ने बताया बच्चों के इलाज में किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति होने पर सरकार द्वारा एंबुलेंस की सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर एंबुलेंस में कोई देरी भी होती है तो माता-पिता प्राइवेट भाड़ा कर गाड़ी लेकर जिला अस्पताल आ सकते हैं। उनके आने जाने का सारा किराया सरकारी स्तर पर मुफ्त दिया जाएगा।
एईएस से बचने हेतु सावधानियां:-
– बच्चों को धूप से बचायें।
– ओ आर एस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
– पैरासिटामोल की गोली या सीरप दें।