दीपावली में मिट्टी का दीया जलायें और अपने घर के साथ साथ दीया बनाने वाले कुंभकारों का भी घर रौशन करें।
दीपावली में मिट्टी का दीया जलायें और अपने घर के साथ साथ दीया बनाने वाले कुंभकारों का भी घर रौशन करें।
दीपावली को लेकर हर तरफ सफाई के साथ लोग दीपावली की तैयारी कर रहे है.
दीपावली में मिट्टी के दीया बनाने वाले कलाकारों के घर भी रौशन हो .इसके लिये समाजसेवी लक्ष्मी नारायण महाविद्यालय के प्रोफेसर कुमारी राजमणी ने मिट्टी से बने दीये जलाने के लिये लोगो को जागरूक कर रही है. उनके द्वारा चलाये जा रहे अभियान अपने घर के साथ कुंभकारों का भी घर रौशन हो अभियान में कई लोग शामिल होकर कुंभकारों के घरों से हजारों मिट्टी के दीये खरीदकर उसे विभिन्न रंगों में सजाकर लोगो के बीच वितरण कर मिट्टी के दीये जलाने के लिये जागरूक करेगी. उन्होंने बताया कि मिट्टी के दीये बनाने बाले कुंभकारों, कलाकारों के घर भी इस वर्ष खुशियों से भरी दीपावली मनाया जा सके. इसके लिये हम सभी मिट्टी के दीया खरीद कर ही अपने घरों में जलाएंगे. एक ऐसा समय भी था जब दीपावली कुंभकारों के लिये खुशियां की सौगात लेकर आती थी,
लेकिन इधर कुछ वर्षो से कुंभकारों की झोली में केवल मायूसी के अलावे कुछ नही आता . दीपावली दीपों का त्योहार है परंतु अब इसका महत्व ही बदल गया है. . इस त्योहार में लोग दीपों की जगह चायनीज लड़ियाँ, बल्ब एवं मोमबत्तियों का ज्यादातर उपयोग करते है. बल्ब के रोशनी के सामने दीपों की रौशनी मानो गुम सी हो गयी है. इसके साथ ही मिट्टी के दीपक बनाने बाले कलाकारों से उनकी लक्ष्मी रूठ गयी है.
अपने उंगलियों के सहारे बेजान मिट्टी से सुंदर सुंदर दिये बनाने वाले कलाकार भुखमरी के कगार पर पहुच गये है. अब उनके चाको की गति भी मंद पर गयी है. ऐसे समय मे मिट्टी के दीये जलाने की अपील इस दिवाली को खाश बना रही है. प्रोफेसर श्रीमती कुमारी सहित अन्य लोगो से अपील किया है कि अपने गांव समाज मे मिट्टी के दीया बनाने वाले कलाकारों से दीया खरीदकर अपने घरों के साथ साथ कलाकारों कुंभकारों के घरों को भी इस दिवाली में खुशियों की रौशनी से रौशन करने के लिये हम सभी को आगे बढ़कर इस अभियान का हिस्सा बनना चाहिये. इस दिवाली पर हमलोग मिट्टी के दिये जलाएंगे . शास्त्रों में मिट्टी के दीये को अति शुभ माना जाता है. पर्यावरण के दृष्टि से भी यह अच्छा है.