October 26, 2024

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जीवन का रंगमंच छोड़ अनंत में विलीन हुए सुरेंद्र शास्त्री। (वो धड़कते दिलो में हमेशा जीवित रहेंगे,एक महान जीवन यात्रा की मिसाल छोड़ गए)

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जीवन का रंगमंच छोड़ अनंत में विलीन हुए सुरेंद्र शास्त्री। (वो धड़कते दिलो में हमेशा जीवित रहेंगे,एक महान जीवन यात्रा की मिसाल छोड़ गए)

रिपोर्ट सुधीर मालाकार ।

महुआ (वैशाली)जिधर देखो उधर आंखे नम, एक मसीहा को जाते देख सब दुख में डूबे,
जिनके दरवाजे पर त्यौहार के मौके पर रंगमंच सजा हो,जो वहां लोगो को कला से आनंदित करने वाले थे, उनका यह अचानक जादूगर लोगों की तरह चकित करते हुए गायब होना, लोगो को रोने को मजबूर कर गया। लोग स्तब्ध,ऐसा भला कैसे हो सकता है? बताते चले कि इस महान रंगकर्मी के निवास स्थान पर एक महान सामाजिक नाटक नयनतारा का मंचन 26 अक्टूबर की रात में होनी थी ,जिसकी पूरी तैयारी हो चुकी थी ।इस नाटक में भी खुद पात्र थे,उनके पुत्र एवं पौत्र भी थे। दुर्भाग्य की बात रंग कर्मियों ने बताया कि उसमें एक सीन उनके मृत्यु की थी, जिसके लिए अर्थी तैयार कर ली गई थी, लेकिन इन लोगों को पता नहीं था कि शायद अर्थी इनके जीवन के अंत होने की पहचान थी ।नाटक के रिहर्सल में हमेशा कहा करते थे कि यह मेरे जीवन का आखिरी नाटक होगा । इसके लिए भी क्षेत्र के जाने-माने राजनेता ,साहित्यकार ,रंगकर्मी, पत्रकार को फोन पर निमंत्रण भी दे चुके थे ।सभी कलाकारों को सम्मानित करने का सामग्री आ चुका था लेकिन विधाता के विधान के आगे किसका चला है, जहां पर नाटक में मरने का दृश्य निभाने वाले थे, सचमुच ही दुनिया के रंगमंच से हमेशा के लिए विदा हो गए।
रंगमंच से समाजसेवा, किसान से राजनीति तक पल पल समर्पित करने वाले कुशहर निवासी सुरेंद्र पासवान शास्त्री मानवता के महान पुजारी थे। कई चुनाव लड़े। विधान सभा चुनाव भले हार गए हो पर लोगो का दिल जीता। जिला परिषद चुनाव दिग्गज लोगो को हरा के जीत लिया और जिला परिषद में दलित विंग के प्रभारी बने, अनेक उल्लेखनीय कार्य किए.
कांग्रेस के बाद वो जद यू मे आ गए थे। अनेक राष्ट्रीय नेता उनके निवास पर आते ही रहे,ये तो सामान्य बात है। वो खुद क्षेत्र में ही अपना ज्यादा समय बिताया करते थे। शुरू से ही वो जन जागृति पर ज्यादा ध्यान देते, जगह जगह विचार गोष्ठी रखते थे, लोगो के दुख दर्द से जुड़ते थे।वो आधुनिक राजनेताओं से बिल्कुल अलग सामाजिक सरोकार से जुड़े रहें आजीवन।
अचानक उनका हृदय गति रुकने की खबर। शोक संदेशों का सिलसिला जारी। कई वरिष्ठ राजनेता समाजसेवी और मिडिया समेत तमाम लोग अंतिम दर्शन को पहुंचे ।जिनके जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव जागेश्वर राय, डॉ आसमा परवीन,कामरेड विश्वनाथ विप्लवि, सुधीर मालाकार, अजीत कुमार सिंह,मनीष कुमार यादव , डॉ सुमन सिंहा,नवनीत कुमार पत्रकार ,उप प्रमुख सत्येंद्र कुमार राय, पंकज कुशवाहा, पिंकी विप्लवि ,रमन आजाद सहित अन्य सैकड़ों लोग शामिल रहें।वही फोन द्वारा भी अनेक शोक संदेश आ रहे हैं, जिनमे उनके निकटतम सहयोगी सलाहकार रहे पत्रकार मदन भारती, जादूगर विनोद पटेल, आनंद बिहारी , डॉ सुरेश राय आदि सैकड़ों नाम हैं।लोगो के लिए वो एक महान हस्ती थे,सबको लग रहा, घर का कोई मार्गदर्शक चला गया।

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