वैध तरीके से दत्तक ग्रहण हेतु चलाया गया जागरूकता अभियान
1 min readवैध तरीके से दत्तक ग्रहण हेतु चलाया गया जागरूकता अभियान
रिपोर्ट प्रभंजन कुमार
” फेकें नहीं, हमें दें ”
हाजीपुर, जिले में वैधानिक रूप से दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार के निदेशानुसार अभियान चलाकर प्रचार प्रसार करने का निर्देश के आलोक में बुधवार को सदर अस्पताल हाजीपुर में जागरूकता अभियान चलाया गया।
असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी कार्यालय में इस अवसर पर उपस्थित बाल संरक्षण पदाधिकारी श्री अमूल्य कुमार ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा जारी दत्तक ग्रहण विनियमन 2022 के आलोक में विधिवत तरीके से दत्तक ग्रहण को बढ़ावा देने के लिए परित्यक्त बच्चे या माता-पिता से बिछड़े बच्चे बाल कल्याण समिति के माध्यम से विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित कराए जाने चाहिए, ताकि दिशा निर्देश के आलोक में उनके जैविक माता-पिता की खोज की जा सके। यदि जैविक माता-पिता का पता ना चलता है तभी उन बच्चों को मार्गदर्शिका के अनुरूप पंजीकृत भावी दत्तक माता-पिता को जिलाधिकारी के माध्यम से विधिवत् दत्तक ग्रहण में दिया जाता है । आम जनता से अपील की कि शिशुओं को जहां-तहां फेंक कर परित्याग ना करें बल्कि अपनी पहचान बताएं बिना दत्तक ग्रहण संस्थान एस डी ओ रोड के बाहर अथवा सदर अस्पताल एवं जिला बाल संरक्षण इकाई में लगे पालने में सुरक्षित छोड़ जाएं।
असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्याम नंदन प्रसाद ने कहा कि कार्यक्रम को उनका पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने विभिन्न अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं अन्य कर्मचारियों से भी इस प्रकार के बच्चे पाए जाने पर उनके संरक्षण के लिए नियमानुसार कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इसके बाद टीम के सदस्य स्वास्थ्य भवन के विभिन्न वार्डों में जाकर उपस्थित चिकित्सकों, नसों एवं पैरामेडिकल स्टाफ से भी भूले भटके अथवा परित्यक्त बच्चों के पाए जाने पर उन्हें बाल कल्याण समिति में उपस्थापित करने का अनुरोध किया गया।
इस अवसर पर डॉक्टर सुनील केसरी, डॉक्टर अजय लाल, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक श्रीमती रूपा कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता श्री मुकेश कुमार, श्रीमती पूनम, श्रीमती मुन्नी, चाइल्ड हेल्पलाइन की समन्वयक श्रीमती स्मिता और उनकी पूरी टीम श्री कन्हाई, श्री रंजन, श्री सुमन, जिला बाल संरक्षण इकाई के आउटरिच वर्कर श्री सूरज कुमार आदि उपस्थित थे।
जानिए दत्तकग्रहण के क्या नियम हैं–
कोई भी ऐसा दंपत्ति जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है, यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो तथा दत्तक ग्रहण हेतु दोनों की आपसी सहमती जरुरी है। अलग-अलग उम्र वाले दंपत्ति को अलग – अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है। बच्चा गोद लेने के लिए केन्द्रीय दत्तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाइट carings.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है । जांचोपरांत बच्चा गोद लेने के पात्र माता -पिता को बच्चा गोद दिया जाता है । एकल पुरूष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है जबकि एकल महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों को गोद ले सकती है। दो संतान वाले दम्पत्ति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं हैं। वे सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालकों को ही दत्तक ग्रहण कर सकते हैं। देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है । दत्तक ग्रहण के इच्छुक दम्पत्ति अविलंब केन्द्रीय दत्तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाइट carings.wcd.gov.in पर पंजीकरण कराएं।