प्याज की बढ़ रही लगातार महंगाई से सब्जियों के स्वाद बिगड़े
1 min readप्याज की बढ़ रही लगातार महंगाई से सब्जियों के स्वाद बिगड़े
किलो की जगह लोग पाव में कर रहे प्याज की खरीदारी, मध्यम और नीचे परिवार के लोगों ने सब्जियों में प्याज देना छोड़ा
महुआ। रेणु सिंह
सब्जियों को लाजवाब बनाने वाली प्याज की बढ़ रही निरंतर महंगाई ने किचेन का जायका बिगाड़ दिया है। मध्यम और कमजोर वर्ग घरों में लोग अब बगैर प्याज के ही सब्जियां बना रहे हैं। जिससे सब्जियां के स्वाद बिगड़ रहे हैं। वहीं अधिकतर लोग किलो की जगह अब पाव में ही प्याज की खरीदारी कर रहे हैं।
सोमवार को यहां बाजारों में प्याज के मूल्य पर एकाएक 5 रुपए से अधिक किलो बढ़ोतरी हुई। एक दिन पूर्व थोक में 50 के किलो बिकने वाली प्याज 55 से 60 रुपए किलो तक बिकने लगे हैं। हाट बाजार में लोग सब्जियों के साथ-साथ प्याज की खरीदारी करना तो चाहते हैं लेकिन उसके भाव सुनकर ही उनकी जेब जवाब दे देती है। लोगों ने बताया कि सब्जियां को स्वाद खोलने का काम प्याज ही करती है। जबकि इसकी महंगाई निरंतर बढ़ती ही जा रही है। महुआ के जवाहर चौक पर प्याज विक्रेता ने बताया कि बीते शनिवार को 45 सौ से 48 सौ के क्विंटल बिकने वाली नासिक प्याज 52 से 5500 के क्विंटल हो गई। उन्होंने बताया कि बीते 4 महीने से प्याज की कीमत 40 से लेकर 55 रुपए किलो तक रही है। इधर मांसाहारी भोजन करने वाले लोगों के लिए प्याज की बढ़ती कीमत आफत बन गई है। प्याज की महंगाई के कारण अधिकतर लोग मांसाहारी भोजन छोड़कर निरामिष पर ही ध्यान दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि मांसाहारी भोजन बनाने में प्याज की खपत अधिक होती है। जबकि यह सबके पहुंच से बाहर हो रही है। घर में गृहिणियां बगैर प्याज के ही सब्जियां बना रही है। जिससे इसके भाव स्वाद बिगड़ गए हैं। इधर लोगों ने बताया कि प्याज की बढ़ रही लगातार कीमत पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।