बलराम जयंती पर श्रीकृष्ण और बलराम संवाद का संतों ने कराया रसपान
1 min readबलराम जयंती पर श्रीकृष्ण और बलराम संवाद का संतों ने कराया रसपान
महुआ हाजीपुर मार्ग अवस्थित पानापुर में राधे कृष्ण मंदिर पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
महुआ। रेणु सिंह
हलधर बलराम श्री कृष्ण को नियंत्रण में रखते थे। जब भी श्री कृष्णा नटखट करते बे उन्हें उसे पर रोक लगाते। बलराम हमेशा कंधे पर हल रखते थे तो श्री कृष्णा गायों को चरिया करते थे। बड़े भाई बलराम हल तो छोटे श्रीकृष्ण ने गाय को मानव जीवन का प्रमुख अंग माना है। यह दोनों जीवन का मूल आधार है।
यह बातें शनिवार को महुआ के कन्हौली धनराज पंचायत अंतर्गत पानापुर स्थित राधे कृष्ण मंदिर पर चल रहे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह के मौके पर प्रवचन के दौरान श्रद्धालुओं को बलराम बलराम जयंती के मौके पर उनके विचारों का रसपान कराते हुए संतों ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई के रूप में बलराम नंद बाबा के यहां जन्म लिए थे। जिन्होंने कांधे पर हल धारण किया था। जबकि वासुदेव और देवकी के पुत्र श्रीकृष्ण नंद बाबा के यहां पहुंचकर अपनी वात्सल्य रूप से उन्हें आनंदित किया। हलधर बलराम नटखट श्रीकृष्ण पर हमेशा नियंत्रण रखते थे। वह काफी बलवान थे। भगवान श्री कृष्णा उन्हें दाऊ कहकर बुलाते थे। मानव जीवन में सबसे बड़ा गृहस्थ आश्रम को बताते हुए संतों ने कहा कि हलधर बलराम भी इसके पक्षधर थे। जबकि छोटे भाई के रूप में श्रीकृष्ण पशुधन को मानव जीवन का एक अंग बताते हुए गायों को स्वयं चराया करते थे। श्री कृष्ण और बलराम में भाई का रिश्ता ही नहीं बल्कि अच्छी दोस्ती भी थी। संतो ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप वात्सल्यता से भरा है। यहां श्री कृष्ण जन्मोत्सव समारोह को लेकर महिला श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमर रही है। जिससे स्थल छोटा पर जा रहा है। शाम ढलने के साथ ही श्रद्धालु यहां भगवान श्री कृष्णा का प्रसंग सुनने के लिए पहुंचने लगते हैं। श्रद्धालुओं में श्रद्धा और भक्ति तो सर चढ़कर बोल रही है। यहां श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह के दौरान राधेकृष्णा की आरती उतारने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व का नहाए खाए आज:
भगवान श्री कृष्णा जन्माष्टमी महापर्व का नहाए खाए रविवार को होगा। जन्माष्टमी पर्व करने वाले श्रद्धालु पवित्र स्नान कर सात्विक भोजन करेंगे। वही भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं द्वारा सोमवार को उपवास रखा जाएगा। पंडितों ने बताया कि जन्माष्टमी पर उपवास रखने वाले श्रद्धालु सोमवार की भोर में हल्का भोजन सरगही के रूप में करेंगे। वही आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म करा कर फलाहार से उपवास तोड़ेंगे। जन्माष्टमी को लेकर छोटे-छोटे बच्चों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। इस पर्व को युवतियों और बच्चे अधिक संख्या में करते हैं।