भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डूब चुकी है चिकित्सा सत्यापन इकाई (होम्योपैथिक) पटना ।
भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डूब चुकी है चिकित्सा सत्यापन इकाई (होम्योपैथिक) पटना । (प्रभारी डॉ.अविनाश कुमार अविनाश एवं डाटा ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक आयशा सिंह का खुला चैलेंज :कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता )
रिपोर्ट सुधीर मालाकार
ग्रुप एडिटर पटना ! केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ,आयुष मंत्रालय ,भारत सरकार ,नई दिल्ली द्वारा संचालित पटना के गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में स्थापित चिकित्सा सत्यापन इकाई (होम्योपैथी) भ्रष्टाचार की आकंठा में डूब चुकी है। चिकित्सा सत्यापन इकाई के प्रभारी डॉ अविनाश कुमार अविनाश एवं डाटा ऑपरेटर सह कार्यालय सहायक आयशा सिंह ने तो भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं लांघ दी है। यहां सरेआम इनकी दादागिरी देख सकते हैं ।खुलेआम नौकरी के नाम पर मोटी रकम की उगाही की जाती है। वही किसी प्रकार के जांच या टेक्नीशियन लैब, टेक्नीशियन से संबंधित उपकरणों की खरीदारी में भारी रकम कमीशन खोरी की जाती है। उदाहरण के रूप में कहे तो जून 2023 में इंटरव्यू के लिए पहुंचे अमन कुमार लैब टेक्नीशियन को बिना रुपए दिए हुए उसके कार्य नहीं किए गए ।सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्रभारी एवं सहायक के द्वारा कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है। किसी भी प्रकार की शिकायत होने करने पर उसकी सुनवाई नहीं की जाती है। आखिर सुनवाई होगी भी तो कैसे ? चुकी प्रभारी की पहुंच दिल्ली के आला अधिकारी तक है। खुलेआम चैलेंज देकर डॉक्टर अविनाश एवं आयशा सिंह ने कहा जिसको जहां जाना है जाए, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। मेरी पहुंच दिल्ली तक है। प्रेस मीडिया के द्वारा खबर छापे जाने पर उसे उठा लेने, जान से मारने की धमकी दी जाती है। यह मेडिकल विभाग है या गुंडागर्दी का अखाड़ा ,यह तो बिहार के सुशासन बाबू को साबित करना ही होगा।