भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
1 min readभगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
धर्म शास्त्र के अनुसार एकादशी के दिन पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को जन्म-जन्मांतर में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अतः एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है:- ठाकुर अरुण कुमार सिंह
रिपोर्ट:- सनोवर खान/रोहित कुमार
आज देवशयनी एकादशी व्रत है. आज से चार महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं और इसके साथ शुभ व मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. और इस चतुमास का संचालन महादेव करते है । आज 17 जुलाई दिन बुधवार है. वहीं पंचांग के अनुसार आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि शाम 05 बजकर 56 मिनट के उपरांत द्वादशी तिथ हो जाएगी. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. इस एकादशी तिथि को दवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म की मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं. इस वर्ष देवशयनी एकादशी पर बहुत ही शुभ औऱ दुर्लभ संयोग बना है। हिंदू पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी पर अनुराधा नक्षत्र, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शुक्ल जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी(हरिशयनी एकादशी) मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। यह अवधि चातुर्मास के नाम से जानी जाती है, जो देवउठनी एकादशी तक चलती है।इस दौरान शुभ कार्यों को विराम दिया जाता है।देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है। इस दिन व्रत, पूजा, मंत्र जाप, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य जैसे उपायों से भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जा सकता है। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सुख-शांति प्राप्त करने का महत्वपूर्ण माध्यम है। इसलिए इस दिन को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाना चाहिए।देवशयनी एकादशी का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है,और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। इस व्रत को रखने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु के विशेष मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”। यह मंत्र भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और इसके जाप से उनकी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन भगवान विष्णु के भजन और कीर्तन का आयोजन करें। यह उनके प्रति भक्ति और समर्पण को दर्शाता है।भजन-कीर्तन में सहभागिता करने से मन को शांति मिलती है और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।देवशयनी एकादशी पर दान-पुण्यदेवशयनी एकादशी के दिन दान का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करें। जरूरतमंदों की सहायता करने से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।