युवा शायर एवं कवि मिन्नत गोरखपुरी समाज सेवा में भी बना चुके हैं गोरखपुर में अपना एक स्थान।
1 min readयुवा शायर एवं कवि मिन्नत गोरखपुरी समाज सेवा में भी बना चुके हैं गोरखपुर में अपना एक स्थान।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
युवा कवियों एवं शायरों में अपनी पहचान बना चुके गोरखपुर शहर के मिन्नत गोरखपुरी किसी परिचय के मोहताज नहीं है। अपनी कविता और शायरी एवं गजल के बेजोड़ कवि और शायर हैं। अपने मंच संचालन से वह श्रोताओं का दिल जीत लेते हैं और श्रोता बिना ताली बजाए नहीं रह पाते। समाजसेवा तो इनके रग रग में भरा है। अनेकों पुरस्कार से सम्मानित एवं कई सामाजिक मंचों से जुड़े हैं मिन्नत गोरखपुरी।
ई.मोहम्मद मिन्नतुल्लाह “मिन्नत गोरखपुरी” गोरखपुर शहर की एक ऐसी शख्सियत हैं जो इंजीनियर होने के साथ-साथ साहित्यकार युवा कवि/शायर व मंचसंचालक एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता राष्ट्रीय मानवाधिकार संघ-भारत, मोटीवेटर एवं गोरखपुर लिटरेरी सोसायटी के संस्थापक भी हैं जिनका लक्ष्य राष्ट्र को और समाज को सशक्त बनाना और युवाओं को अवसर प्रदान करना है। समाज सेवा के माध्यम से हो या साहित्य के माध्यम से यह निरंतर लगे रहते हैं। देश के कई राज्यों में उन लोगों की प्रेरणा बन चुके मिन्नत गोरखपुरी का मानना है कि हम शिखर पर तभी पहुंचते हैं जब देश शिखर पर होता है और लोगों बहुत सारा प्यार और आशीर्वाद मिलता है। मिन्नत गोरखपुरी समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में अपना लेख लिखते रहते हैं और अपने विचारों से समाज को अवगत कराते हैं। मिन्नत गोरखपुरी ने गोरखपुर महोत्सव, देवरिया महोत्सव और चौरी चौरा महोत्सव में सफल संचालन किया है।मिन्नत गोरखपुरी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई बीबीडी विश्वविद्यालय के छात्र प्रमुख वी रह चुके हैं।
*कई पुरस्कारों से हैं सम्मानित*
इनके द्वारा साहित्य में दिए जा रहे योगदान के लिए धाराधाम साहित्य रत्न सम्मान_ 2021 थाईलैंड से प्रदान किया गया है।
स्वर्गीय मनोहर पारिकर साहित्य सम्मान 2019।
आब-रू-ए गजल फिराक बाराबंकवि अवार्ड_2019
के साथ-साथ पूर्वांचल यूथ आईकॉन अवॉर्ड बॉलीवुड के हीरो नंबर वन गोविंदा के हाथों मिन्नत गोरखपुरी को प्रदान किया गया है!
सामाजिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के लिए दर्जनों अवार्ड के साथ-साथ बेस्ट एनएसएस वालंटियर अवार्ड कई बार मिन्नत गोरखपुरी को मिला है।
पत्रिकाओं एवं न्यूज़पेपर में कई रचनाएं प्रकाशित हुई है। इसके साथ-साथ कई टेलीविजन चैनल रेडियो स्टेशन आकाशवाणी और कई एफएम चैनल पर भी मिन्नत गोरखपुरी अपनी प्रस्तुति देते रहे हैं। मिन्नत गोरखपुरी ने अंतर्राष्ट्रीय शायर वसीम बरेलवी, मुनव्वर राना,डॉक्टर कलीम कैसर, दिनेश बावरा, शकील आज़मी, डॉ रामप्रकाश बेखुद, वासिक फारुकी, फ़ैज़ खुमार बाराबंकवि, भूषण त्यागी, शबीना अदीब, शाइस्ता सना, अंकिता सिंह, जैसे शायरों के साथ प्रस्तुति दी है।
*ग़ज़ल से समझा जा सकता है लेखन कार्य*
इनके लिखे गजलों को पढ़कर और सुनकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी गजलों में अपने पुराने पूर्वजों और दूसरे बड़े शहरों की झलक देखने को मिलती है।
*ग़ज़ल*
यादें महबूब को सीने से लगाये रखना,
महफिलें इश्क को हर वक़्त सजाये रखना,
याद आयेगा मेरा हुस्न व वफ़ा रह-रह कर,
मेरी तस्वीर को सीने से लगाये रखना,
तेग व अबर को रखना जरूरी क्या है,
क़त्ल करना है तो खन्जर को छुपाये रखना,
मैं जहां जाऊं तेरे नाम से जाना जाऊं,
ऐसा दिवाना मुझे अपना बनाये रखना,
सो न जाये कहीं मंज़िल के सिपाही थक कर,
एक तूफान जमाने में उठाये रखना,
हो के जाहिर तेरी रुसवाई न कर दे “मिन्नत”,
अपने हर दर्द को सीने में छिपाये रखना ।।
#मिन्नत_गोरखपुरी
झूठा ही ख्वाब दिखाया गया मुझे।
कदम-कदम पर आजमाया गया मुझे।।
होता रहा था रोज ही मेरा मुसीबत से सामना।
हजारों दफा यारों रुलाया गया मुझे।।
अँधेरों की साजिशों मे हम दर-बदर रहे।
उजालों से ही दूर देखो भगाया गया मुझे।।
जो किया ही नही वो खता मेरे सिर पर आ गई।
दूसरों का ही इल्जाम लगाया गया मुझे।।
अब कोई नही है पूछता कैसा है हाल मेरा।
पहले जला कर बाद मे बुझाया गया मुझे।।
जिन्दगी ने भी क्या-क्या रंग दिखाये हमे।
मतलब निकल गया तो भुलाया गया मुझे।।
#मिन्नत_गोरखपुरी