July 8, 2024

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जिला स्तरोय 75वाँ वन महोत्सव-2024 कार्यक्रम का आयोजन

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जिला स्तरोय 75वाँ वन महोत्सव-2024 कार्यक्रम का आयोजन

रिपोर्ट प्रभंजन कुमार

हाजीपुर वैशाली वन प्रमंडल अन्तर्गत राय बीरेन्द्र सिंह महाविद्यालय, कुतुबपुर कोठी, हाजीपुर के प्रांगण में 75वाँ वन महोत्सव कार्यक्रम श्री यशपाल मीणा, भा.प्र.से., जिला पदाधिकारी, वैशाली (मुख्य अतिथि), श्री हर किशोर राय, भा.पु.से., पुलिस अधीक्षक, वैशाली (विशिष्ट अतिथि) की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में श्री अवधेश सिंह, माननीय विधायक, हाजीपुर, श्री आशुतोष कुमार दीपु अध्यक्ष, जिला परिषद्, वैशाली, मो० शम्स जावेद अंसारी, उप विकास आयुक्त, वैशाली, सिविल सर्जन, वैशाली, जिला परिवहन पदाधिकारी, वैशाली, कृषि विभाग के प्रतिनिधि एवं श्री पवन कुमार, प्राचार्य, राय बीरेन्द्र सिंह महाविद्यालय, कुतुबपुर कोठी, हाजीपुर के अतिरिक्त स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रबुद्धजन, किसान/जीविका दीदी एवं महाविद्यालय के प्रोफेसर, छात्र/छात्राएँ तथा वन विभाग के क्षेत्रीय

वनकर्मी भी उपस्थित थे।

श्री अमीत कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी, वैशाली वन प्रमंडल, हाजीपुर द्वारा पुष्प गुच्छ, मोमेन्टो एवं पौधा देकर सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया। इनके द्वारा बताया गया कि वन महोत्सव कार्यक्रम वर्ष 1950 से प्रत्येक वर्ष के जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष भी माननीय मुख्यमंत्री, बिहार सरकार द्वारा दिनांक 08.07. 2024 को राज्य स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन पटना में किये जाने के फलस्वरूप इस जिला में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण हेतु प्रेरित करना तथा उनको पर्यावरण संरक्षण, पेड़ों की महत्ता एवं सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है, ताकि पर्यावरण का संतुलन बना रहे। इस अवसर पर उन्होंने सभी से वन महोत्सव में सक्रिय रूप से भाग लेने, पेड़ लगाने एवं दुसरों को भी वृक्षारोपण हेतु आग्रह किया तथा बताया कि वैशाली वन प्रमंडल इसके लिए हर संभव सहयोग देने के लिए तत्पर है।

मुख्य अतिथि श्री यशपाल मीणा, भा.प्र.से., जिला पदाधिकारी, वैशाली ने अपने संबोधन में वृक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वृक्ष जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये प्रदूषण को कम करते है, प्राणदायक वायु उपलब्ध कराते है तथा मरूस्थलीकरण को रोकते है। इस वर्ष वैशाली जिलान्तर्गत जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत लगभग 13 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें मनरेगा के तहत भी पौधारोपण भी किया जाना है। इस अभियान को सफल बनाने हेतु जनभागीदारी आवश्य है। उनके द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को कम-से-कम अपने उम्र की संख्या के अनुसार पौधारोपण करने हेतु अपील किया गया। वन विभाग द्वारा संचालित कृषि वानिकी अन्य

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प्रजाति योजना की सराहना करते हुए आम किसानों द्वारा इस योजना का अधिक-से-अधिक लाभ उठाने हेतु आग्रह किया गया।

विशिष्ट अतिथि श्री हर किशोर राय, भा.पु.से., पुलिस अधीक्षक, वैशाली ने पेड़ों को पृथ्वी का फेफरा बताया, वृक्ष वायुमंडल से Co2 को अवशोषित कर हमें ऑक्सीजन प्रदान करते है। ये मिट्टी के कटाव को रोकते है, पानी का संरक्षण करते है तथा सबसे जरूरी ग्रिन हाउस गैस को कम करके जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करते है। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए हमें अधिक-से-अधिक संख्या में वृक्षारोपण करना होगा तथा पुराने वृक्षों के कटाई पर रोक लगानी होगी। आधुनिकीकरण के इस दौर में विकास एवं पर्यावरण में सामन्जस्य स्थापित करने की आवश्यकता है, इसके लिए हमें ग्रिन बिल्डिंग के अवधारणा को भी अपना सकते है।सम्मानित अतिथि श्री अवधेश सिंह, माननीय विधायक, हाजीपुर विधानसभा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी सहभागियों से अधिकाधिक पौधारोपण हेतु अपील की। उनके द्वारा बताया गया कि वैशाली जिला में सरकारी भूमि सीमित है तथा वनाच्छादन के लक्ष्य को बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि जो भी उपलब्ध भूमि है उसका समुचित उपयोग पौधारोपण के लिए किया जाय। इसके लिए सड़कों के किनारे, रेलवे की भूमि, सरकारी संस्थानों में उपलब्ध भूमि का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए उनके द्वारा हर सम्भव मदद के लिए सहमति दी गयी।

मो० शम्स जावेद अंसारी, उप विकास आयुक्त, वैशाली द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सहभागियों से अधिकाधिक पौधारोपण हेतु अपील की गयी। उनके द्वारा बताया गया कि मनरेगा योजना के तहत प्रत्येक पंचायतों में वृक्षारोपण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

वन महोत्सव कार्यक्रम में राजकीय पक्षी गोरैया के संरक्षण एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति जागरूकता पैदा करने हेतु प्रदर्शनी भी लगायी गयी।

कार्यक्रम के दौरान सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा महाविधालय परिसर में विभिन्न प्रजाति के 100 पौधों से बाँस गैबियन वृक्षारोपण किया गया तथा चलन्त पौधा बिक्री केन्द्र को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया, जो जिले के प्रत्येक क्षेत्रों में भ्रमण कर आम लोगों को रु० 10/- प्रति पौधों की दर पर उपलब्ध करायेंगे। इसी प्रकार अस्थायी पौधा बिक्री केन्द्र का भी शुभारम्भ किया गया।

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