बज्जिका पत्रिका “पहरुआ” के प्रवेशांक का लोकार्पण एवम भव्य काव्य-गोष्ठी का आयोजन।
1 min readबज्जिका पत्रिका “पहरुआ” के प्रवेशांक का लोकार्पण एवम भव्य काव्य-गोष्ठी का आयोजन।
रिपोर्ट सुधीर मालाकार।
महुआ (वैशाली) जिले के सिंघाड़ा स्थित संत जोसेफ स्कूल में राष्ट्रीय बज्जिका भाषा परिषद्, हाजीपुर/पटना और संत जोसेफ स्कूल सिंघाड़ा के संयुक्त तत्वावधान में बज्जिका भाषा की तिमाही पत्रिका “पहरुआ” के प्रवेशांक का लोकार्पण और भव्य कवि-गोष्ठी समारोह का आयोजन किया गया |
बज्जिका के इस सारस्वत कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डॉ. दामोदर प्रसाद सिंह जी ने की | इस समारोह के मुख्य अतिथि बज्जिका जागरण के पुरोधा और बज्जिकांचल विकास पार्टी के अध्यक्ष देवेन्द्र राकेश थे | विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षाविद, हिन्दी और बज्जिका के प्रखर कवि, साहित्यकार हरिनारायण सिंह ‘हरि’, बिहार राज्य संयुक्त बज्जिका संघर्ष समिति के संयोजक और जद(यू.) के राष्ट्रीय सचिव संजय वर्मा तथा संत जोसेफ स्कूल, सिंघाड़ा के निदेशक सत्येन्द्र कुमार सिंह, जाने माने साहित्यकार रविंद्र कुमार रतन,रंगकर्मी सुरेंद्र पासवान शास्त्री,ब्रजेंद्र कुमार पप्पू की गरिमामयी उपस्थिति रही |
इस अवसर पर श्रीमती सीमा सिंह, प्रबंधक, संत जोसेफ स्कूल, सिंघाड़ा, ने अतिथियों का स्वागत अंग-वस्त्र और पुष्प-गुच्छ देकर से किया | विशिष्ट अतिथि श्री हरिनारायण सिंह ‘हरि’ ने बज्जिका भाषा की पत्रिका “पहरुआ” के प्रवेशांक से परिचित कराया। लोक-संस्कृति में अपने को रमा देने वाली विदुषी महिला डॉ. विद्या चौधरी, प्रधान संपादक डॉ. जयश्री मिश्र, कार्यकारी संपादक डॉ. पुष्पा गुप्ता,पत्रिका के प्रबंधन,प्रकाशन सहयोगी अखौरी चंद्रशेखर, डॉ. अशोक कुमार आनंद , डॉ. पूनम सिन्हा ‘श्रेयसी’, वीरेन्द्र नाथ मिश्र ,विभावसु’, श्री रमाकांत चौधरी ; प्रचारक-प्रसारक संजय कुमार सिंह एवं हंस लाल साह सहित अन्य लोगो की उपस्थिति रही। उपस्थित विद्वत जनों ने कहा कि बज्जिका को लोकभाषा का दर्जा दिलाने के लिए उसे योग्य बनाना होगा | इसके लिए वर्तनी की एकरूपता, देश में प्रचलित भाषाओँ के साथ सामंजस्यता पर ध्यान देना होगा | तत्सम शब्दों का हठात तद्भवीकरण उचित नहीं | पहरुआ की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि बज्जिका भाषा का स्थिर रूप प्रदान करने के लिए संपादक डॉ. विद्या चौधरी को महावीर प्रसाद द्विवेदी वाली भूमिका में आना पड़ेगा ।
दूसरे सत्र में भव्य बज्जिका कवि-गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता सुप्रसिद्ध बज्जिका के साहित्यकार, गजलकार, कवि ज्वाला सांध्यपुष्प ने किया | गोष्ठी का शुभारम्भ डॉ. विद्या चौधरी के काव्य-पाठ से हुआ | इस गोष्ठी में मुजफ्फरपुर से पधारीं डॉ. पुष्पा गुप्ता, डॉ. उषा किरण श्रीवास्तव, दरभंगा से पधारे डॉ. ओंकार प्रसाद सिन्हा , डॉ. सतीश चन्द्र भगत, श्री अमिताभ कुमार सिन्हा, समस्तीपुर हरिनारायण सिंह ‘हरि’, जन्दाहा से अभिषेक कुमार शर्मा,पटना से आयीं डॉ. पूनम सिन्हा ‘श्रेयसी’, लालगंज (वैशाली) से श्रीमती साधना कृष्ण, हाजीपुर से डॉ. प्रतिभा कुमारी परासर ने भाग लिया |