संस्थागत प्रसव बढ़ाने के उद्देश्य से केयर द्वारा एएनएम को दी गई ट्रेनिंग – गर्भवती महिलाएं, रखें अपना खुद का ध्यान – संस्थागत प्रसव के बाद जननी योजना का मिलता है लाभ
1 min readसंस्थागत प्रसव बढ़ाने के उद्देश्य से केयर द्वारा एएनएम को दी गई ट्रेनिंग
– गर्भवती महिलाएं, रखें अपना खुद का ध्यान
– संस्थागत प्रसव के बाद जननी योजना का मिलता है लाभ
मोतिहारी, 23 जून।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आदापुर में कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य व सुरक्षित प्रसव के उद्देश्य को लेकर केयर इंडिया के सहयोग से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार साहनी की अध्यक्षता में एकदिवसीय ट्रेनिंग आयोजित की गई। गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित संस्थागत प्रसव बढ़ाने के उद्देश्य से केयर द्वारा यक़ीनन समिति की बैठक में एएनएम को विशेष ट्रेनिंग दी गई।
– सेहत के साथ स्वच्छता जरूरी:
इस ट्रेनिंग में एएनएम को बताया गया कि गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता के तौर पर साफ- सफाई के साथ अपनी सेहत का पूरा ख्याल रखना है । उन्हें संतुलित आहार का भी उपयोग करना चाहिए ताकि गर्भवती व गर्भस्थ शिशु पर कोई आंच न आए। इसके लिए समय-समय पर आशा कार्यकर्ता के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्र पर बुलाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी करना है।
– समय- समय पर आवश्यक जाँच जरूरी:
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार साहनी ने बताया कि महिला चिकित्सक के निर्देशानुसार बीपी, हीमोग्लोबिन, सुगर, वजन, आदि की जाँच एवं टीकाकरण के साथ आयरन, कैल्शसयम की दवा का सेवन जरूरी है । एचआईवी व कोविड-19 जांच भी जच्चा बच्चा को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक है ।
– महिलाओं को परिवार नियोजन की जानकारी होनी चाहिए:
ट्रेनिंग में केयर इंडिया की डीटीओ आयुषी राणा ने कहा कि केयर इंडिया प्रखंड प्रबंधक के द्वारा उत्प्रेरक का कार्य किया जा रहा है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने व मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रसव पूर्व जांच के साथ जटिलता की पहचान होने से समय रहते उसका अच्छे से देखभाल किया जा सके इसकी पहचान जरूरी है । साथ ही महिलाओं व गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के साथ ही परिवार नियोजन के महत्वपूर्ण बिदुओं पर भी महिला नर्सिंग स्टाफ, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा खुलकर जानकारी दी जानी चाहिए । ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं व उनके घर के मुखिया से मिलकर सही उम्र में विवाह व बच्चे हो इसलिए भी जागरूकता फैलाई जानी चाहिए । ताकि लोग परिवार के प्रति समझदारी दिखा सकें ।
हर माह की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की पूर्ण जाँच की जा रही-
मौके पर प्रखंड प्रबंधक के द्वारा जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच के पश्चात सुरक्षित मातृत्व पत्रिका का वितरण के साथ परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के बारे में सभी महिलाओं को बताया जाता है। समय समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रखण्ड में हर माह की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की पूर्ण जाँच की जा रही है। उन्हें सन्तुलित भोजन करने एवं कोरोना से बचने हेतु आवश्यक सलाह भी दी जाती है। वहीं सरकार द्वारा सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर गर्भवती महिला को जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक लाभ दिया जा रहा है।
कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए-
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार साहनी ने बताया कि कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए । ऐसे में अपने खान-पान को लेकर अपनी दिनचर्या में भी बदलाव लाना होगा । वह बाहर से आने वाले लोगों से नहीं मिले तो ज्यादा ठीक रहेगा, अगर मजबूरी है तो मास्क और सामाजिक दूरी का पालन करें । इस समय जितना अपने मन को खुश रखें यह उसके और गर्भस्थ शिशु के लिए बेहतर होगा ।
कोरोना संक्रमित होने पर प्रोटोकाल का पालन करें:
गर्भवती महिला अगर कोरोना संक्रमित हो जाती है, तो उसे प्रोटोकाल का पालन करना चाहिए। वे सबसे पहले खुद को आइसोलेट कर लें और किसी भी व्यक्ति से ना मिले। घर में छोटे बच्चे हैं तो उनसे भी दूरी बनाकर रखें। डाक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें। तनावमुक्त होकर उपचार कराएं।
उच्च जोखिम में सावधानी बहुत जरूरी:
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अस्पताल की डॉ. मरियम खातून एवं डॉ प्रियदर्शिनी ने बताया घर में यदि कोई सदस्य कोरोना संक्रमित है तो गर्भवती के संपर्क में न आएं। खानपान की रूटीन का पालन करना जरूरी है । खुराक (डाइट) में विटामिन को जरूर शामिल करें जिससे कि डाइट लेने में किसी प्रकार की समस्या ना हो ऐसे में तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें ।
जननी बाल सुरक्षा योजना के आर्थिक लाभ:
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश साहनी ने बताया जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400रु . एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रु . दिया जाता है। साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशा कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है । जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रु .एवं शहरी क्षेत्रों के लिए 400 रु .दिया जाता है । इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है।
मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार साहनी, डॉ प्रियदर्शिनी, डॉ मरियम खातून, डॉ मोनिका गुप्ता, जीएनएम प्रतिमा कुमारी, नूतन कुमारी, उषा कुमारी, लैबटेक्निशियन कमरे आलम,जीएनएम सोनी कुमारी, प्रतिमा कुमारी, आभा कुमारी, एएनएम उषा कुमारी, संगीता कुमारी, नूतन कुमारी ,फार्मासिस्ट शोएब रजा, केयर इंडिया के स्वास्थ्य प्रबंधक श्रीनारायण सिंह सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
गर्भवती महिलाएं ऐसे रखें ख्याल
•संतुलित आहार लें।
•खुराक (डाइट) में विटामिन शामिल करें।
•तेल, घी मसालेदार खाने से परहेज़ करें ।
•बुखार होने पर घबराएं नहीं
•इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल
•कोरोना के लक्षण है तो तुरन्त डाक्टर से संपर्क करें ।
•पैरासिटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंक और बी कांप्लेक्स दवा जरूर रखें ।
•हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें
•तनाव न लें।