राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत आशा फैसिलिटेटरों की हुई समीक्षा बैठक सह उन्मुखीकरण
1 min readराष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत आशा फैसिलिटेटरों की हुई समीक्षा बैठक सह उन्मुखीकरण
– जेई/एईएस एवं परिवार नियोजन के साधनों पर हुआ प्रशिक्षण
– समय पर करें चमकी के लक्षण की पहचान
मोतिहारी, 10 अप्रैल
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत चकिया अनुमंडल के अन्तर्गत मेहसी, चकिया, केसरिया एवं कल्याणपुर प्रखंड के सभी आशा फैसिलिटेटरों एवं प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरकों का समीक्षा बैठक सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन डीसीएम नन्दन झा के अध्यक्षता में चकिया अनुमंडलीय अस्पताल के सभागार में आयोजित किया गया। बैठक में अमित कुमार, जिला प्रबंधक एवम पीएसआई इंडिया के द्वारा महिला बंध्यकरण, पीपीआई यूसीडी, इन्जेक्शन अंतरा एंव संस्थागत प्रसव पर स्वास्थ्य उप केन्द्रवार डाटा प्रस्तुत किया गया, साथ ही सभी प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक एंव आशा फेसिलिटीटर को समीक्षा बैठक के दौरान जेई /एईएस एवं परिवार नियोजन के साधनों पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया।
बैठक में पीएसआई इंडिया के तरफ से संजीव कुमार पाण्डेय, पिरामल से राजेश कुमार गिरी एंव अरविन्द कुमार सिंह, उत्प्रेरक धर्मेन्द्र कुमार, अजय कुमार, नजीमूल रहमान एंव विनय कुमार ने भी महत्वपूर्ण बातें बताई। मौके पर डीसीएम नंदन झा ने कहा की “आशा” राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसलिए आशाओं को कार्यकम के सफल क्रियान्वयन हेतु समय-समय पर प्रशिक्षण एवं अनुश्रवण अति आवश्यक होता है। डीसीएम ने बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से आशा फैसिलिटेटरों का क्षमता वर्धन होगा। इसके माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को शिशुओं की गंभीर रोगों से देखभाल संबंधी जानकारियां, मां को शिशुओं की देखभाल संबंधित जानकारी व परामर्श, नवजात शिशुओं में रक्त संक्रमण की पहचान एवं जांच के साथ स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गईं है।आशा फेसिलिटेटर को स्वास्थ्य देखभाल के लिए गर्भवती महिलाओं को सलाह देने, घरों में नवजात शिशुओं के पास जाकर शिशुओं की देखभाल करने और स्तनपान के बारे में जानकारी दी गयी।पीएसआई के जिला प्रतिनिधि अमित कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण का लाभ लेकर आशा फैसिलिटेटर अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकेंगी। साथ ही, समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाएंगी। इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा। प्रशिक्षण सत्र में आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, महिलाओं को प्रसव पूर्व की तैयारियां, सुरक्षित प्रसव, सुरक्षित गर्भपात, समय से पूर्व जन्मे कम वजन वाले शिशु के समय कम करने का तरीका बताया गया।
समय पर करें चमकी के लक्षण की पहचान:
डीसीएम नंदन झा ने आशा फैसिलिटेटरों को बताया की चमकी के लक्षण की जानकारी बेहद आवश्यक है,समय पर चमकी के लक्षण की पहचान होने पर बच्चों को सुरक्षित किया जा सकता है, उन्होंने कहा की सभी अपने क्षेत्र के लोगों को जागरूक करें, वहीं बच्चों के माता पिता इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चे किसी भी हाल में जूठे और सड़े हुए फल नहीं खाए, बच्चों को गंदगी से बिल्कुल दूर रखें, खाने से पहले और खाने के बाद हाथ जरूर धुलवाएं, साफ पानी पिएं, बच्चों के नाखून नहीं बढ़ने दें, बच्चों को गर्मियों के मौसम में धूप में खेलने से भी मना करें, रात में कुछ खाने के बाद ही बच्चे को सोने के लिए भेजें।
चमकी बुखार के लक्षण:
चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है, बदन में ऐंठन होती है। बच्चे दांत पर दांत चढ़ाए रहते हैं। कमजोरी की वजह से बच्चा बार-बार बेहोश होता है। यहां तक कि शरीर भी सुन्न हो जाता है और उसे झटके लगते रहते हैं।