June 12, 2021

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला कॉम्यूनिकेशन टास्क फोर्स का हुआ गठन

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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला कॉम्यूनिकेशन टास्क फोर्स का हुआ गठन


– बैठक में शत प्रतिशत टीकाकरण के आच्छादन का लक्ष्य
– समाज में फैले कोविड टीकाकरण की भ्रांतियों पर मीडिया फैलाए जागरुकता
– जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों को गांवों में वार्ड गोद लेने का निर्देश

वैशाली। 12 जून
कोविड टीकाकरण के शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के उद्येश्य से समाहरणालय के सभागार में शनिवार को जिला कॉम्यूनिकेशन टास्क फोर्स की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी उदिता सिंह ने की। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इस टास्क फोर्स का मुख्य मकसद जिले में कोविड टीकाकरण की गति को बढ़ाना है। वहीं टीकाकरण के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों की जानकारी प्राप्त कर उनका निदान भी करना है। टीकाकरण के कार्य में गति लायी जाय इसके लिए जिला एवं प्रखंड स्तर के पदाधिकारी गांव के एक वार्ड को गोद लें और वहां पर टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित कर उनका टीकाकरण कराएं। यह प्रक्रिया तब तक दुहरायी जाय जब तक जिले में शत प्रतिशत कोविड टीके का आच्छादन न हो जाए। वहीं किसी भी तरह की समस्या होने पर उसका आंकलन कर निदान किया जाय। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि अब प्रतिदिन संध्याकालीन बैठक कर कोविड टीकाकरण से संबंधित निर्णय भी लिए जाएगें।

भ्रांतियों पर नहीं दे ध्यान
बैठक के दौरान केयर के डीटीएल सुमित कुमार ने पावर प्वाइंट के माध्यम से वहां मौजूद लोगों और मीडियाकर्मियों को समाज में टीकाकरण के प्रति मिथक और उनके तथ्यों से भी अवगत कराया। जिसमें एक बार कोरोना हो गया तो टीकाकरण कराने की जरुरत, टीका की सुरक्षा, टीकाकरण के दोनों डोजों के बीच लंबे समय और टीकाकरण के बाद कोविड अनुरुप पालन के प्रति समाज में फैले मिथकों के सही और स्पष्ट तथ्यों को सामने रखा। सुमित कुमार ने बताया कि किसी भी प्रकार के टीके के लिए हल्के बुखार, इंजेक्शन की जगह पर दर्द, शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह प्रभाव या तो स्वत: खत्म हो जाते हैं या लक्षण आधारित दवाओं के सेवन से यह तुरंत ही खत्म हो जाते हैं। एक बार वैक्सीन देने पर 12 हफ्तों तक इम्यून सिस्टम बना रहता है। इसलिए दोनों ही डोजों के बीच इतने दिन का अंतर रखा गया है।

मीडिया को भी मिली जिम्मेवारी
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे कोविड टीकाकरण के प्रति लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें और इसका व्यापक तौर पर प्रचार प्रसार करें। कोविड चैंपियन की स्टोरी करें। टीकाकरण के प्रति फैले अफवाहों पर लोगों को सचेत करें। जिससे समाज में टीकाकरण के प्रति लोगों का विश्वास और कोविड के अनुरुप सही जानकारी मिल सके।

बैठक के दौरान आए सुझाव
बैठक के दौरान विभिन्न पदाधिकारियों और बैठक में शामिल लोगों के द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष अलग-अलग सुझाव भी आए। जिसमें पोस्ट कोविड से संबंधित तथा टीकाकरण सत्र पर ही टीका के बाद के लक्षण के बारे में बतलाने की बात कहीं गयी। बैठक में आइएमए के हाजीपुर चैप्टर के सचिव डॉ मधुसुदन ने कोविड वैक्सीन के तकनीकी पक्ष को उजागर करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है। वहीं यूनिसेफ की मधुमिता ने कहा कि आशा और सेविका के द्वारा वैक्सीनेशन वार्ड क्षेत्र में लोगों को मोबिलाइज किया जा सकता है। वहीं डब्लूएचओ की डॉ श्वेता राय ने कहा कि मिजल्स की सफलता को देखते हुए प्रत्येक गांव में कुछ प्रभावी व्यक्तियों के द्वारा टीकाकरण पर जागरूक किया जा सकता है। वहीं डीएचएस के डीपीएम मणिभूषण झा ने सुझाव दिया कि 18 प्लस के वैसे युवा जो किसी भी 45 प्लस के व्यक्ति को प्रेरित कर वैक्सीन के लिए लाता है। उसे ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन कर टीकाकृत किया जाएगा। वहीं अंजुमन फलाह उल मुस्लिमीन के नेयाज अहमद कासमी ने कहा कि प्रत्येक जुम्मे की नमाज में मस्जिदों से लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाएगा। जिससे टीकाकरण में गति मिलेगी।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा टीकाकरण
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कोविड टीकाकरण के लिए अलग टीका एक्सप्रेस चलायी जा रही है। शहरी क्षेत्र में टीकाकरण सत्र से एक दिन पहले वहां माइकिंग के द्वारा पहले ही लोगों को मोबलाइज किया जा रहा है। वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि प्रखंड स्तर पर एक बीडीओ की अध्यक्षता में बैठक होगी जो टीकाकरण के दो या तीन दिन पहले से ही ग्रामीण क्षेत्रों में पीआरआइ मेंबर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सक, जीविका और आशा के द्वारा लोगों को मोबलाईज करेगी। वहीं टीकाकरण के बाद लोगों के स्वास्थ्य को फॉलो-अप भी किया जाएग। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीपीओ आईसीडीएस, डीपीआरओ प्रशांत, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, नेयाज अहमद कासमी, ग्रामीण चिकित्सक के सचिव सहित केयर इंडिया से सुमित कुमार, यूनिसेफ से मधुमिता, डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि सहित धर्मगुरु मौजूद थे।

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